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कार्य के साथ अपने स्वास्थ का भी रखें ख्याल : गुड़िया झा

कार्य के साथ अपने स्वास्थ का भी रखें ख्याल : गुड़िया झा

इस आधुनिक और भागदौड़ भरी
जीवनशैली में हर कोई आगे निकलना चाहता है। अधिक से अधिक पैसा कमाने की चाहत और रहन-सहन के स्तर को बेहतर बनाने की कोशिश में लगातार भागदौड़ कर मेहनत करते हुए हम यह भूल जाते हैं कि इन सबके पीछे हम अपने स्वास्थ की अनदेखी कर रहे हैं। आज लगभग अधिकांश व्यक्ति किसी न किसी रूप में स्वास्थ समस्याओं से पीड़ित है। कभी-कभी हम यह भूल जाते हैं कि स्वास्थ हमारा सबसे बड़ा धन है। अगर हमने नियमित रूप से इसकी देखभाल की, तो अपने जीवन का सही आनंद लेते हुए हम निरंतर आगे बढ़ सकते हैं। बस जरूरत है तो इस बात की, कि हमें अपने काम और दिनचर्या को लेकर जागरूक रहने की।
1, अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखें।
स्वस्थ खानपान और स्वस्थ जीवनशैली का हमारे शारीरिक स्वास्थ के अलावा मानसिक स्वास्थ पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। चाहे कार्य की अधिकता जितनी भी हो, अपने निर्धारित समय पर ही भोजन करें। अपने खानपान में बहुत ज्यादा तेल और मसालों के उपयोग से बचना चाहिए। चाय-कॉफी का अत्यधिक सेवन भी हमारे स्वास्थ को प्रभावित करता है। उसके जगह पर नींबू पानी, पानी, छांछ और फलों का सेवन काफी लाभदायक है। इससे शरीर को पूरे दिन कार्य करने के लिए भरपूर ऊर्जा प्राप्त होगी। साथ ही हमारा शारीरिक स्वास्थ भी ठीक रहेगा। जिससे हम अपने कार्य को एक नई दिशा दे सकेंगे।
कई बार हम अपने ऊपर कुछ ऐसे काम के बोझ को भी लेते हैं जो हमारी प्राथमिकताओं में शामिल नहीं होते हैं। जिस कार्य को करने के लिए थोड़े से समय की जरूरत होती है उस कार्य में हम अपना अधिकांश समय देकर अपनी ऊर्जा की भी बर्बादी करते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि जरूरी कार्यों को करने के लिए हमारे पास समय का अभाव होता है, साथ ही हमारा मन उस कार्य को करने के लिए प्रोत्साहित भी नहीं रहता है।
इसलिए सबसे पहले हमें अपने जरूरी कार्यों के लिए नियमित रूप से एक योजना बनानी होगी और उस योजना के अनुसार कार्य समय के प्रबंधन को देखते हुए पूरा कर फिर आगे की प्रक्रिया बढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से हम अपने सभी कार्यों को उचित समय पर पूरा कर पायेंगे साथ ही जल्दीबाजी में कार्यों के बोझ के तनाव से भी हमें मुक्ति मिलेगी। क्योंकि तनाव का भी हमारे शरीर पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कई बार ऐसा होता है कि हमारे पास योजना नहीं होने के कारण कार्यों के योजनाबद्ध तरीके से नहीं होने के कारण हमारा पूरा ध्यान कार्य को सम्पन्न करने की तरफ चला जाता है। धीरे-धीरे ये सब हमारी आदतों में शामिल हो जाता है। जिसका नतीजा यह होता है कि हमारे स्वास्थ पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
2, मानसिक शांति बनायें रखें।
आज हर कोई किसी न किसी रूप से काफी परेशान है। नतीजा मानसिक शांति से हम काफी दूर होते जा रहे हैं। मानसिक शांति के बिना शारीरिक स्वास्थ की कल्पना नहीं की जा सकती है। लगातार तनाव और चिंता से शारीरिक स्वास्थ में काफी कमी देखने को मिलती है।
इन सबके अनुकूल यदि हम सोचें कि मन को शांत कर और चिंताओं को छोड़कर अपने आगे के कार्यों की एक योजना बना कर आगे बढ़ें, तो धीरे-धीरे सभी चिंताएं अपने आप दूर होती जाएंगी और हमारा आत्मविश्वास भी काफी बढ़ता जायेगा। कार्य के दौरान जब भी थकान महसूस हो तो अपने शरीर को आराम जरूर दें। इस दौरान सिर्फ अपने लिए समय निकालें। आराम दायक पलों में अपनी मन पसंद के कार्य को करने से भी काफी अच्छा महसूस होता है।
बिना कारण परेशान रहने के बजाय यदि हम आगे बढ़ने के लिए अपने कार्यों के प्रति सचेत रहें तो धीरे-धीरे मानसिक शांति का भी हमें अनुभव होगा।
कहा जाता है कि हम जैसा सोचते हैं वैसा ही प्रभाव हमारे विचारों पर भी पड़ता है। फिर हमारे विचारों का प्रभाव हमारे जीवन पर भी पड़ता है।

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