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इस दीपावली दूषित विचारों की भी सफाई : गुड़िया झा

इस दीपावली दूषित विचारों की भी सफाई।
गुड़िया झा
साफ सफाई हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।लेकिन बात जब दीपावली की हो, तो इसकी अधिकता और भी ज्यादा बढ़ जाती है। हम अपने घरों एवं उसके आसपास हर चीज की सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं। लेकिन शायद हमारा ध्यान कभी उन चीजों की तरफ नहीं जाता है जिनकी हमारे जीवन में उपयोगिता सिर्फ दीपावली ही नहीं, बल्कि हमेशा होती है। इससे हमारा केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों पर भी तेजी से प्रभाव पड़ता है और हम निरंतर आगे बढ़ते रहते हैं।
इस दीपावली के शुभ अवसर पर सभी चीजों की सफाई के साथ हम अपने मन से दूषित विचारों की सफाई कर दीपावली की खुशियों को और भी ज्यादा रौनक बनायें।
1, बेवजह क्रोध से बचें।
बिना वजह छोटी-छोटी बातों पर क्रोध कर हम दूसरों का नहीं बल्कि अपना ही नुकसान करते हैं। जो चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं है उसके बारे में परेशान होने से अच्छा है कि उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करें जो हमारे नियंत्रण में है और जिससे हमारा भला हो सकता है। जब हम अपने मन को शांत कर सोचेंगे, तो बहुत सी समस्याओं का समाधान भी मिलने लगता है। क्रोध में लिया गया फैसला कभी भी सही नहीं होता है। बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान सिर्फ आपसी बातचीत और सामंजस्य से ही संभव है।
2, शिकायतों से बचें।
शिकायतों के बारे में कहा गया है कि यह वो जहर है जिसे पीते हम हैं और सोचते हैं कि इसका असर दूसरों पर हो। समय का एक-एक पल बहुत ही कीमती है। समय किसी का भी इंतजार नहीं करता बल्कि हमें ही हर पल का सदुपयोग कर आगे बढ़ते रहने की जरूरत है। इन कीमती पलों में हम शिकायतें कर अपने समय का दुरूपयोग करते हैं। क्यों न हम इन कीमती समय में कुछ ऐसे कार्य करें जिसमें स्वयं के साथ जनकल्याण की भावना समाहित हो।
3,लालच।
अभी हमारे समाज और देश में भ्रष्टाचार काफी फैला हुआ है। इसका एक सबसे बड़ा कारण आत्मसंतुष्टि की कमी है। हम इंसानों के जीवन में जो सबसे जरूरी चीजें हैं-भोजन, वस्र, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य। ये जरूरतें हमारी पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा जो भी हमारी बेलगाम इच्छाएं हैं जब इनकी पूर्ति नहीं होती है तभी मन में लालच उत्पन्न होता है कि काश हमारे पास और बहुत कुछ होता। बस, यहीं से भ्रष्टाचार की जड़ें धीरे धीरे अपना पैर पसारना शुरू करती हैं। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि गलत तरीके से अर्जित किया गया धन स्थायी शांति नहीं दे सकता है। इसलिए जो हमारे पास मौजूद है उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद अवश्य दें। क्योंकि जो हमारे पास है बहुत से लोगों के पास वह सुविधा भी नहीं है।
4, गृह लक्ष्मी का सम्मान।
आमतौर पर जीवन में सुख का अर्थ हम पैसों की मौजूदगी को ही समझते हैं। सुख-शांति का एक माध्यम गृह लक्ष्मी को सम्मानित करना भी है। जहां पर महिलाओं का सम्मान होता है वहां पर सुख समृद्धि अपने आप ही चली आती है।

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