देवघर, झारखण्ड | फरवरी | 24, 2020 :: झारखण्ड के सभी न्यायायलय में माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार आज दिनाँक:24.02.2020 से एक सप्ताह का ” योग-ध्यान सत्र ‘ को प्रारम्भ किया गया है।
देवघर व्यवहार न्यायालय से सुपरविजन करः लौटे संन्यासी मुक्तरथ जी ने बताया कि देश मे यह पहला राज्य है जहाँ उच्च न्यायालय के प्रत्यक्ष निर्देशन में सभी न्यायालय में साप्ताहिक ” योग-ध्यान सत्र ” का आयोजन होता आ रहा है।
योग एक ऐसा साइंस है जो व्यक्ति के दिमाग को तनावमुक्त कर शरीर के समस्त नाड़ियों में प्राण ऊर्जा के प्रवाह को ठीक करता है। शरीर, मस्तिष्क और हृदय को स्वस्थ रखने में योग सबसे महत्वपूर्ण है।
योग न केवल स्वास्थ्य प्रदाता है बल्कि यह व्यक्ति के अंदर अपार शक्ति और गुणों को भर देता है। हाँ इसके लिए जरूरी है कुशल योग गुरु के सान्निध्य में प्रशिक्षण प्राप्त करना।
आज प्रातःकालीन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधान जिला जज श्री जयप्रकाश नारायण पाण्डेय ने कहा योग के वास्तविक स्वरूप को जानना जरूरी है, आज कल इतने तरह-तरह के योग हो गए हैं जिसे देखकर प्राचीन योग को हमलोग भूल बैठेंगे।
वैदिक काल से चला आ रहा योग हर उम्र के व्यक्ति के लिए उपयोगी सिद्ध हुआ है। मुंगेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ” बिहार योग विद्यालय ” योग के क्षेत्र में पूरी दुनियाँ में काफी अनुसंधान कर चुके है,उनका बीमारी से लेकर कुंडलिनी जागरण तक का अनुसंधान बहुत ही रोचक है।
इस प्रकार की ही संस्था योग को सही रूप में सुरक्षित रख्खे हुए हैं। देवघर स्थित रिखियापीठ में भी योग साधना के उच्च सत्र आयोजित होते रहते हैं जहाँ से योग की जानकारी ली जा सकती है।
स्वामी सत्यानन्द जी ने आज से 60 वर्ष पूर्व योग को दुनियाँ में जनहित और लोकप्रिय बना चुके थे। यह योग पूर्ण विज्ञान सम्मत है।
देवघर कोर्ट में सत्यानन्द योग मिशन राँची के वरिष्ठ अधिकारी योगाचार्य गौरव कुमार और सहयोगी चंदन कुमार योग सिखाने का कार्य कर रहे हैं।
आज करीब 60 की संख्या में अधिकारी व कर्मचारियों ने योग के विभिन्न आसन, प्राणायाम, शिथिलीकरण और ध्यान का अभ्यास सीखे।