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झारखंड राय विश्वविद्यालय मे चरित्र निर्माण एवम व्यक्तित्व का समग्र विकास पर कार्यशाला संपन्न

 

रांची,झारखण्ड  | अक्टूबर | 16, 2022 :: झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में अयोजित एक दिवसीय कार्यशला “चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का समग्र विकास” पर रविवार को झारखंड राय विश्वविद्यालय के कमड़े कैंपस में आयोजन किया गया।
इस अवसर पर चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय संयोजक श्री देशराज शर्मा, एमिटी विश्वविद्यालय ,रांची के कुलपति डॉ. रमन झा, सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विजय सिंह, झारखंड राय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर सविता सेंगर आदि के द्वारा कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ किया गया।
झारखंड राय विश्व विद्यालय,रांची की कुलपति और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास झारखंड की अध्यक्ष डॉ. सविता सेंगर ने स्वागत भाषण में कहा की ” शिक्षा का स्वरूप समाज, संस्कृती,भाषा और जीवन आचरण के अनुरूप होना चाहिए।
चरित्र निर्माण एवम व्यक्तित्व विकास,शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय संयोजक श्री देशराज शर्मा ने मुख्य वक्ता के तौर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा” शिक्षा किसी देश की भाषा, सभ्यता, संस्कृति और जीवन आचरण से जुड़ा हुआ विषय है। चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का समग्र विकास शिक्षा का महत्वपूर्ण अंग है। उन्होने कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य मनुष्य का व्यक्तित्व का विकास एवं चरित्र का निर्माण करना है। सभी संस्थानों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इन्हें पाठ्यक्रमों में शामिल कर छात्रों के चरित्र एवं व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास पर बल देना चाहिए। उन्होंने अपने संबोधन में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्य शिक्षक अपनी कक्षा कालांश के माध्यम से कर सकते हैं। शिक्षक का कार्य प्रोफेशन नहीं बल्कि मिशन होना चाहिए। उन्होंने नैतिक शिक्षा एवं पर्यावरण शिक्षा को उपयोगी बताया।
एमिटी यूनिवर्सिटी,रांची के कुलपति डॉ.रमन झा ने भी अपने संबोधन में शिक्षा, शिक्षक और बदलावों पर अपने विचार प्रस्तुत किया।
सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने अपने संबोधन के दौरान न्यास के कार्यों और नई शिक्षा नीति 2020 के जरिए आने वाले बदलावों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सभी शैक्षिक संस्थाएं अपने भारतीय जीवन मूल्यों एवं सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करते हुए उसके अनुसार पाठ्यक्रमों का निर्माण कर भावी पीढ़ी को तैयार करें।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में समूह चर्चा और प्रस्तुतिकरण का कार्य किया गया। विभिन्न समूहों के द्वारा इस पर सामूहिक राय प्रस्तुत किया गया ।
कार्यशला के समापन अवसर पर झारखंड राय विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.पीयूष रंजन ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का कार्यशाला को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।
धन्यवाद ज्ञापन की औपचारिकता चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास की प्रांत प्रमुख डॉ ललिता राणा ने किया।
इस अवसर पर डॉ रंजीत प्रसाद, डॉ. रामकेश पांडेय, डॉ. बालेश्वर नाथ पाठक, डॉ. देवनंदन सिंह, प्रो श्रीधर बी दंडीन, प्रो अमित गुप्ता, डॉ.भारद्वाज शुक्ल,डॉ. प्रशांत जयवर्धन, प्रो ललिता राणा, डॉ. भूपेंद्र उपाध्याय, डॉ. बालेश्वर नाथ पाठक, डॉ. ब्रज कुमार विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।

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