• मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्य सचिव को शैल कम्पनियों के विरुद्ध दिया कड़ी कार्रवाई का निदेश।
• झारखण्ड में मुखौटा कम्पनियों के लिये कोई जगह नहीं – मुख्यमंत्री
• मुख्य सचिव ने राज्य के सभी उपायुक़्तों एवं आरक्षी अधीक्षकों को मुखौटा (SHELL) कम्पनियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का दिया निदेश
रांची, झारखण्ड । नवम्बर | 09, 2017 :: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य की मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा को शैल कम्पनियों अर्थात मुखौटा कम्पनियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने का निदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड में मुखौटा कम्पनियों का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि काम करने वाली कम्पनियों का हृदय से स्वागत और सत्कार है तथा फर्जी, छद्म और मुखौटाधारियों के लिए कोई जगह नहीं है।
मुख्यमंत्री के निदेश के आलोक में मुख्य सचिव ने राज्य के सभी उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किया है। राज्य के विभिन्न जिलों में 634 मुखौटा कम्पनी के चल अचल संपत्ति के संचालन, हस्तांतरण एवं उपयोग पर रोक लगा दी गई है। मुख्य सचिव ने कहा कि कम्पनी एक्ट की धारा 250 के प्रावधान के अनुरूप मुखौटा कम्पनियों की अचल सम्पत्तियों को चिन्हित कर उपायुक्त कस्टडी में लेंगे।
मुख्य सचिव ने पत्र के माध्यम से यह निदेश दिया है कि मुखौटा (Shell) कम्पनियों के बैंक खातों पर प्रतिबंध के लिये भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय तथा इंडियन बैंक ऐसोसिएशन द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इस कार्य में जिले के बैंक की शाखाओं को पत्र देकर और पहल कर बैंक के द्वारा इसका अनुपालन सुनिष्चित कराने का निदेश दिया।
मुख्य सचिव ने अपने निदेश में यह भी स्पष्ट किया है भारत सरकार के कॉरपोरेटेट मामलों के मंत्रालय द्वारा मुखौटा कम्पनियों तथा संदेहास्पद मुखौटा कम्पनियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। झारखण्ड की 634 कम्पनियों को भी कम्पनियों के निबंधक ने कम्पनी एक्ट 2013 की धारा 248(5) के तहत सूची से हटा दिया गया है। ऐसी स्थिति में ये कम्पनियां विघटित हो गई हैं तथा इनका सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉरपोरेशन रदद् कर दिया गया है। मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों से 15 दिनों में की गई कार्रवाई से सरकार को अवगत कराने का निदेश दिया है। ज्ञात हो कि इन 634 कम्पनियों में सबसे अधिक रांची-214, जमशेदपुर-151, धनबाद-55, हजारीबाग-51, बोकारो-37, देवघर-25, पलामू-21, गिरिडीह-17, चाईबासा-11, गोड्डा-10 आदि हैं।