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सन 2022 तक झारखंड कुपोषण मुक्त राज्य बनेगा : रघुवर दास

* सामाजिक विकास से ही विकास की परिकल्पना साकार होगी – मुख्यमंत्री
* 2022 तक झारखंड कुपोषण मुक्त राज्य बनेगा – मुख्यमंत्री
* मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का षुभारंभ माननीय राष्ट्रपति 15 नवम्बर को करेंगे

 

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रांची, झारखण्ड । नवम्बर | 09, 2017 :: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि विकास की आत्मा सामाजिक विकास है। जब तक सामाजिक विकास नहीं होगा, विकास की परिकल्पना पूर्ण नहीं होगी। झारखंड में कुपोषण बड़ी समस्या है। हमें लक्ष्य करके मातृत्व मृत्युदर और शिशु मृत्यु दर में कमी लानी है। 2022 तक झारखंड को कुपोषण मुक्त बनाना है। इसमें कारपोरेट कंपनियों के साथ ही सामाजिक संगठनों का भी सहयोग जरूरी है। कंपनियों के कारपोरेट सोशल रिस्पॉसिब्लिटी (सीएसआर) फंड से भी इस काम में मदद ली जायेगी। आदिवासी व दलित बाहुल्य क्षेत्रों में इसकी जरूरत सबसे ज्यादा है।
रघुवर दास आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित इंडस्ट्री चैंपियन फॉर एस0डी0जी पुरस्कार 2017 कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हर काम केवल सरकार से संभव नहीं है। सामाजिक कल्याण क्षेत्र में तेजी से विकास करने के लिए 2015 में हमारी सरकार ने पहली बार देश में अनोखा प्रयोग करते हुए सीएसआर काउंसिल का गठन किया। इसमें कंपनियों के द्वारा खर्च किये जानेवाले सीएसआर फंड में से राशि जमा कर राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर खर्च किये गये। इसका सकारात्मक असर दिखा। ओडीएफ समेत अन्य कार्यों में इस फंड से काफी सहयोग मिला। अब कुपोषण को समाप्त करने के लिए भी इस फंड से राशि खर्च करने की योजना है। कुपोषण दूर करने के लिए राज्य सरकार गंभीर है। इंटीग्रेटेड न्यूट्रिशन मिशन प्रोग्राम का गठन किया गया है। इसकी बैठक जल्द की जायेगी। सामाजिक संगठनों की मदद से यह काम किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा और जागरुकता की कमी के कारण समुचित पोषण नहीं मिल पाता है। इससे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। सरकार जागरुकता कार्यक्रम में भी सामाजिक संगठनों की मदद लेगी। 2022 तक राज्य से कुपोषण समाप्त करना है। इसके लिए हर साल 4-5 जिलों को चुना जायेगा, जिन्हे कुपोषण से मुक्त कराया जायेगा। सबसे पहले सबसे कुपोषित जनसंख्या वाले जिलों में काम होगा। यदि ईमानदारी और समर्पण के साथ काम किया जाये, तो सफलता आवश्य मिलती है। पोषण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए राज्य सरकार पाठ्यक्रम में भी इसे शामिल करेगी। अभी शहरी क्षेत्रों में बुकलेट के माध्यम से स्कूलों में पोषण के प्रति बच्चों को जागरुक किया जा रहा है। हमें 20 साल के बाद का झारखंड का लक्ष्य रखना है। हमेशा लक्ष्य और सोच बड़ी रखें, तभी सफलता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है। इसमें राज्य की 80 प्रतिशत आबादी से बिना कोई प्रीमियम लिए उन्हें इससे जोड़ा जायेगा। इसके बाद गरीब से गरीब व्यक्ति को भी इलाज के लिए दो लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध होगा। इसकी शुरुआत 15 नवंबर को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा किया जायेगा। इसके अलावा भी सरकार असाध्य रोगों के लिए गरीबों को 3-4 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध करा रही है।

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव अमित खरे, उद्योग सचिव सुनील वर्णवाल, झारखंड स्टेट न्यूट्रिशियन मिशन के महानिदेशक डीके सक्सेना, यूनिसेफ की झारखंड चीफ डॉ मधुलिका जोनाथन, उद्योग निदेशक के रविकुमार, पद्मश्री बलवीर दत्त समेत अन्य ज्यूरी सदस्य, कंपनियों के प्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

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