आलेख़ झारखण्ड

जगदीश से जानिए क्या है ओलचिकी लिपि

रांची, झारखण्ड | फरवरी | 27, 2019 :: ओलचिकी एक भारतीय लिपि है जो संथाली भाषा लिखने में प्रयुक्त होती है।

संथाली, हो और मुंडारी भाषाएँ आस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार में मुंडा शाखा में आती हैं। संताल भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में लगभग ६० लाख लोगों से बोली जाती है। उसकी अपनी पुरानी लिपि का नाम ‘ओल चिकी’ है। अंग्रेजी काल में संथाली रोमन में लिखी जाती थी। भारत के उत्तर झारखण्ड के कुछ हिस्सोँ मे संथाली लिखने के लिये ओल चिकी लिपि का प्रयोग होता है।
संतालों द्वारा बोली जानेवाली भाषा को संताली कहते हैं।

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