* झारखण्ड राज्य का श्रृजन जिस उद्देश्य एवं लक्ष्य को लेकर किया गया था उसे हमें हर हाल में प्राप्त करना है : द्रौपदी मुर्मू
* विपक्ष विरोध करने के लिए विरोध न करें, अपनी रचनात्मक भूमिका निभायेंः माननीया राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू
* राजनीति को मूल्यों से जोड़ना चाहिए, वोट बैंक से नहीं
* लोकतंत्र में चुनाव दुश्मनी के लिए नहीं प्रतिस्पर्द्धा के लिए होते हैं।
* विपक्ष का काम है कि वह सत्ता पक्ष को रचनात्मक सहयोग दें
* 2022 से पहले हम ऐसा झारखंड बनायेंगे, जहां कोई बेघर, बेदवा व बेरोजगार न रहे
* 2019 का बजट सत्र नयी विधानसभा में ही होगा : रघुवर दास, मुख्यमंत्री
राँची, झारखण्ड । नवम्बर | 22, 2017 :: माननीया राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखण्ड राज्य का श्रृजन जिस उद्देष्य एवं लक्ष्य को लेकर किया गया था इस लक्ष्य को हमें हर हाल में प्राप्त करना है। सभी के चेहरे पर मुस्कान लाना है तथा एक समृद्ध एवं सषक्त झारखण्ड बनाना है। उन्होंने कहा कि निष्चितरूपेण, झारखण्ड विधानसभा ने विगत 17 वर्षों में राज्यहित में कई महत्वपूर्ण कार्य किया है तथा जनहित की समस्याओं के निदान एवं राज्य के विकास की दिषा में कई सफलताएँ भी अर्जित की है। इस गति को हमें दलगत भावना से ऊपर उठकर और तेज करने की आवष्यकता है। आज का स्थापना दिवस हम सभी के लिए अपनी कामयाबियों पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ ही कमियों पर मंथन एवं चिन्तन करने का भी अवसर प्रदान करता है।
माननीया राज्यपाल ने कहा कि जनता अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि का चयन बहुत अपेक्षा, आषा और विष्वास के साथ करती है।इस बात का ध्यान हमेषा हमारे सभी विधायकगण और मंत्रिमंडल के सदस्यगण रखें। हमारे विधायकों को अपने यहाँ संचालित विभिन्न योजनाओं के साथ अन्य प्रदेषों में संचालित योजनाओं से अच्छी तरह अवगत रहना चाहिये।विधानमण्डल को सदैव सचेष्ट रहना है कि जनहित हेतु आवष्यकताएँ क्या है, उनकी समस्यायें क्या है, ताकि उसके अनुरूप नीतियाँ बनाई जा सकें। जन-प्रतिनिधियों को जनता की आवष्यकताओं को बेहतर तरीके से जानकर उन्हें मूर्Ÿा रूप प्रदान करने की दिषा में सक्रिय रहने की आवष्यकता है। उन्हें अपने कार्यों में पारदर्षिता रखनी होगी। जनता अपने जन-प्रतिनिधि को पूर्णतः ईमानदार समझें, ऐसा माहौल बनें।
मैं विधानसभा के सदस्यों से कहना चाहूँगी कि सदन के समक्ष कोई ।बज – त्महनसंजपवद पारित करने हेतु लायी जाय, तो उसका क्तंजि वे गंभीरतापूर्वक अध्ययन एवं उस पर मन्थन करें।
इसके लागू होने से जनता पर पड़ने वाले प्रभाव का चिन्तन करें, तभी आप जनता के प्रति अपने कर्Ÿाव्यों का बेहतर तरीके से निर्वहन कर पायेंगे। सरकार से यदि जनहित की कोई बात छूट जाय, तो विपक्ष को इस ओर प्रभावी रूप से ध्यान दिलाना चाहिये, लेकिन इस क्रम में सदन की गरिमा को ठेस न पहुँचे, यह भी ध्यान रखना आवष्यक है। विपक्ष विरोध करने के लिए विरोध न करें, वह अपनी रचनात्मक भूमिका निभायें। झारखण्ड विधानसभा की गणना देष में आदर्ष विधानसभा के रूप में हो। इसके लिए विधानसभा के प्रत्येक सदस्य को अपनी सक्रिय भूमिका की आवष्यकता है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राजनीति को मूल्यों से जोड़ना चाहिए, वोट बैंक से नहीं। चुनाव के दौरान सभी विचारधाराओं में प्रतिस्पर्द्धा होनी चाहिए। लेकिन चुनाव समाप्त होते ही राज्य और देश हित में विचारधारा को पीछे छोड़ते हुए विकास कार्य में सभी को सहयोग करना चाहिए। राजनीति मात्र सत्ता का खेल नहीं है। यह स्वस्थ परंपराएं डालने का अवसर है। वे आज झारखंड विधानसभा की 17वीं वर्षगांठ समारोह में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि राजनीति में तो प्रतिस्पर्द्धा रहेगी, लेकिन एक मर्यादा जरूरी है। एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए। सदन की मर्यादा लांघनी नहीं चाहिए। इस लक्ष्मण रेखा का अगर उल्लंघन किया जायेगा और हर प्रश्न को वोट से जोड़ा जायेगा, हर समस्या पर विचार अगर चुनाव में लाभ-हानि की दृष्टि से किया जायेगा, तो कहीं ऐसा न हो सारे पुरखों के बलिदान पर पानी फिर जाये। लोकतंत्र में चुनाव दुश्मनी के लिए नहीं प्रतिस्पर्द्धा के लिए होते हैं। सत्ता सेवा का माध्यम है और विरोध बेहतरी के लिए किया जाना चाहिए। हमारी सरकार राज्य के गरीब, आदिवासी, दलित, वंचित, शोषित, गांव, किसान, महिला, युवाओं की बेहतरी के लिए काम कर रही है। झारखंड विकास की राह पर चल पड़ा है। हर जनप्रतिनिधि का पहला लक्ष्य क्षेत्र की जनता के हित में काम करना होनी चाहिए। राज्य और देश निर्माण के लिए मिले इस अवसर का सही उपयोग हो। राज्य व देशहित के लिए संकीर्ण मानसिकता बाधा नहीं बननी चाहिए। वाद-विवाद और संवाद से हर समस्या का समाधान हो सकता है। विपक्ष का काम है कि वह सत्ता पक्ष को रचनात्मक सहयोग दे। जहां सुधार की गुंजाइश होगी, सत्ता पक्ष हमेशा तैयार रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिमडेगा समेत छह जिले पिछड़े जिलों में शामिल हैं। सरकार इन जिलों को अग्रणी जिलों में लाने के लिए काम कर रही है। अगले साल के बजट में इनके लिए विशेष प्रावधान किया जायेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी इन जिलों पर फोकस करने का निदेश दिया है। हमारा प्रयास है कि 2-3 वर्षों में हम इन जिलों को विकसित जिलों की सूची में शामिल करने में सफल हो जायें। राज्य के शहीदों को प्रणाम करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी सरकार और राज्य की सवा तीन करोड़ जनता शहीदों के परिजनों के साथ हैं।
राज्य के 16 जिले से उग्रवाद लगभग समाप्त हो गया है। कुछ मुखौटा ओढ़े असामाजिक तत्व कानून व्यवस्था को चुनौति दे रहे हैं। इनसे भी निपटा जा रहा है। 2018 तक राज्य को उग्रवाद मुक्त करने की दिशा में हम तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य गठन के 14 वर्षों के बाद झारखंड आंदोलनकारी, वनांचल आंदोलनकारी व जेपी आंदोलनकारियों को सम्मानित करने का काम हमारी सरकार ने किया है। सरकार गरीबोन्मुखी योजनाएं बनाकर लागू कर रही हैं। 2022 से पहले हम ऐसा झारखंड बनायेंगे, जहां कोई बेघर, बेदवा व बेरोजगार न रहे।
श्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड गठन के बाद से अब तक राज्य की अपनी विधानसभा नहीं है। शुरू से ही मेरे मन में यह कसक थी। अब जब हमें मौका मिला, तो हमने अपनी विधानसभा के निर्माण का निर्णय लिया। नयी विधानसभा की नींव 12 जून 2015 को रखी जा चुकी है। इसका निर्माण तेजी से चल रहा है। 2019 का बजट सत्र नयी विधानसभा में ही होगा। उन्होंने उत्कृष्ट विधायक का सम्मान प्राप्त करने हेतु श्रीमती विमला प्रधान जी को हार्दिक बधाई दी।
कार्यक्रम में विधान सभा अध्यक्ष श्री दिनेश उरांव, संसदीय कार्य मंत्री श्री सरयू राय ने भी अपने विचार व्यक्त किया। इससे पहले बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक के रूप में चुनी गयीं विधायक श्रीमती बिमला प्रधान को सम्मानित किया गया। इनके साथ ही देश की सीमाओं पर प्राणों की आहुति देनेवाले शहीद जवानों के परिजनों, विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन काम करनेवाले लोगों, टाना भगतों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।