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चेन्नई :: हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने और हिंदी में कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक दिवसीय राजभाषा कार्यक्रम उन्नयन -2022 का आयोजन 

चेन्नई | दिसम्बर  | 21, 2022 ::  राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नै में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने और हिंदी में कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक दिवसीय राजभाषा कार्यक्रम उन्नयन -2022 का आयोजन माननीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री जितेंद्र सिंह  की पहल पर किया गया । इस कार्यक्रम में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के हिन्दी ज्ञान को बेहतर बनाने के लिए एक कार्यशाला, एक तकनीकी राजभाषा संगोष्ठी ,वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं काव्यगोष्ठी का आयोजन संयुक्त निदेशक (राजभाषा) श्री मनोज अबुसरिया की निगरानी में एवं हिन्दी सलाहकार समिति की माननीय सदस्य (गैर-सरकारी) डॉ.कुसुम लुनिया के निर्देशन में किया गया।

​ भारतीय संस्कृति का अनुपालन करते हुए दीप प्रज्ज्वलन एवं मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। संस्थान के निदेशक महोदय डॉ जी.ए. रामदास जी द्वारा स्वागत भाषण दिया गया एवं सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य सचिव एवं दक्षिण रेलवे के उप महाप्रबन्धक राजभाषा डॉ.दीनानाथ सिंह जी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। भारत मौसम विज्ञान विभाग, चेन्नई से मौसमविज्ञानी (सेवानिवृत) डॉ. के.वी बालसुब्रमनियण जी एवं हिन्दी शिक्षण योजना से हिन्दी प्राध्यापक सुश्री श्वेता वर्मा जी को इस कार्यक्रम में हिन्दी एवं तकनीकी कार्यशाला में व्याख्यान देने हेतु आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सुश्री श्वेता वर्मा जी ने “कार्यालयीन शब्‍दावली, लघु टिप्‍पणियां एवं व्‍याकरणिक भूलें” विषय पर व्‍याख्‍यान प्रस्‍तुत किया। साथ ही के.वी बालसुब्रमनियण द्वारा “मौसम पूर्वानुमान गलत होते हैं-क्यों” विषय पर एक तकनीकी व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। रासप्रौसं के स्टाफ सदस्यों ने दोनों ही कार्यक्रमों में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री वी शंकर रामसुब्रमण्यन एवं कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी, नीतू द्वारा इस कार्यक्रम का कुशल संचालन किया गया ।​
कार्यक्रम के दौरान संस्थान की ई-पत्रिका ‘समुद्रिका’ के छठे संस्करण का विमोचन भी किया गया। इस पत्रिका के पहले अंक का विमोचन जनवरी 2020 में संसदीय राजभाषा समिति द्वारा किया गया था । तब से अब तक समयानुसार इस पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है। इस पत्रिका में राजभाषा के साथ साथ क्षेत्रीय भाषा में भी लेख प्रकाशित किए जाते हैं। ये लेख संस्थान के स्टाफ सदस्यों द्वारा ही लिखे जाते हैं।

​कार्यक्रम के दूसरे सत्र में स्टाफ सदस्यों के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,जिसमें तकनीकी विषयों को भी जोड़ा गया, इस कारण यह प्रतियोगिता और भी रोमांचक बन गई ।स्टाफ सदस्यों के लिए एक काव्यगोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें हिन्दी भाषी स्टाफ सदस्यों ने तो भाग लिया ही साथ ही हिंदीतर भाषी स्टाफ सदस्यों ने भी कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेता निम्नानुसार हैं :
1. प्रथम पुरस्कार :श्रीमती श्वेता, श्री शबीर ए, श्री संकेत, श्री निखिल
2. द्वितीय पुरस्कार :श्री आनंद किशोर, जी धनलक्ष्मी, श्री एस वीरा रागवन
3. तृतीय पुरस्कार ​:श्रीमती सरोजिनी मौर्य, श्री सुरेश जी, श्री अब्दुल रहीम
4. प्रोत्साहन पुरस्कार :श्रीमती अनुराधा, श्रीमती वत्सला, श्री आर सुरेन्द्र, श्री स्टेलिन
5. प्रोत्साहन पुरस्कार :श्री मनोज पाटीदार, श्री शंकर कुमार, श्रीमती ईश्वरी
स्वरचित कविता-पाठ प्रतियोगिता हिन्दी भाषी एवं हिंदीतर दो श्रेणियों मे थी।हिन्दी भाषी स्टाफ सदस्यों एवं हिंदीतर स्टाफ सदस्यों में विजेता निम्नानुसार है:-

1.प्रथम पुरस्कार: श्री संकेत
2. द्वीतीय पुरस्कार: श्री आनंद निकुंब
3.तृतीय पुरस्कार: श्रीमती करुणा
हिंदीतर
1. प्रथम पुरस्कार :श्री स्टेलिन
2.द्वीतीय पुरस्कार: श्री पंडिराजन
3.तृतीय पुरस्कार: श्रीमती वत्सला

मुख्य अतिथि एवं निर्णायक गण के कर कमलों से विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।अन्त में सुश्री नीतू हुड्डा ने कृतज्ञता ज्ञापित की ।इस प्रकार राजभाषा से उन्नयन के संकल्प की सौरभ से सुरभित यह कार्यक्रम नई संभावनाओं के साथ सम्पन्न हुआ ।

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