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दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा आज 1984 के सिख विरोधी दंगो पर पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाए जाने पर सिख समाज द्वारा की गई प्रतिक्रिया

रांची, झारखण्ड | दिसंबर | 17, 2018 :: दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा आज 1984 के सिख विरोधी दंगो पर पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाए जाने पर सिख समाज द्वारा की गई प्रतिक्रिया

कानून से ऊपर कोई नहीं हमारे देश में.फैसला स्वागतयोग्य,भले देर से आया पर लोगों का न्यायपालिका पर भरोसा और दृढ़ हुआ.सिखों का इतिहास मदद करने का रहा है,आज भी विश्व के किसी कोने में चले जाएं गुरु के सेवादार मानवता के लिए सबसे आगे खड़े पाएंगे और इस कौम के साथ इस तरह का बर्बरतापूर्ण व्यवहार अशोभनीय और निंदनीय है.मानवता के पुंज गुरुनानक देवजी ने भी लोगों को यही संदेश दिया है ‘अवल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे,एक नूर ते सब जग उपजया कौ भले कौ मंदे’

हरविंदर सिंह बेदी
प्रधान
गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा

 

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लंबी लड़ाई के बाद चिर प्रतीक्षित फैसला आखिरकार आज आया.1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा निचली अदालत के 30 अप्रैल,2013 के फैसले को निरस्त करते हुए पूर्व सांसद सज्जन कुमार को आज उम्र कैद की सजा सुनाए जाने से दंगा पीड़ित सिख परिवारों को न्याय मिला है.आखिरकार सत्य की जीत हुई और कानून एवं न्यायालय पर भरोसा बढ़ा.भारत धर्मनिरपेक्ष देश है इस तरह की घटना हमारे संस्कारों के विपरीत है.मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना.
नरेश पपनेजा
मीडिया प्रभारी
गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा

 

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सिखों के लिए अहम दिन और दंगाइयों के लिए सबक.दंगा पीड़ित सिख परिवारों को इंसाफ मिला लेकिन काफी लंबे इंतजार के बाद.वाहेगुरु से यही अरदास है कि कभी भी ऐसे दंगे किसी भी धर्म के खिलाफ ना हों,गंगा जमुनी तहजीब पर वार ना हो.फैसला सराहनीय ,हम सब कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं कि दोषी को कठोरतम सजा मिली.

मनीष मिढ़ा
सचिव
गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा

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इह फैसला सराहनीय है हम सब कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.यह फैसला बहुत पहले ही आ जाना चाहिये था फिर भी न्याय व्यवस्था का साधुवाद जो दोषी को कठोरतम सजा मिली.

ज्ञानी जेवेन्दर सिंह
मुख्य ग्रन्थी
गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा

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आखिरकार सच की जीत हुई,जिस तरह से हजारों बेकसूर लोगों की हत्या की गई आज 34 साल के बाद भी साेच कर मन सिहर जाता है. सिखों के जीवन का वाे काला दिन था जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.सिख काैम का इतिहास रहा है कि जब भी देश में संकट आया काैम ने बलिदानी दी है.

अर्जुन दास मिढ़ा, गुरु घर के सेवक

 

 

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