रांची, झारखण्ड । फरवरी | 05, 2018 :: आज दिनांक 05 फरवरी को राष्ट्रीय सेवा योजना की राँची विश्वविद्यालय इकाई के तत्वावधान में पाहन टोली हातमा बस्ती में एक विशेष शिविर लगाया गया। इस विशेष शिविर का उद्घाटन राँची विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ॰ अमर कुमार चैधरी ने किया।
डाॅ॰ चैधरी ने कहा कि दर्शनशस्त्र के विद्यार्थियों के लिए यह अत्यंत ही सुनहरा मौका है। उन्होने कहा कि पूरा मानव समाज बिना फिलाॅस्फी के विकसित नहीं हो सकता। राँची विश्वविद्यालय एन.एस.एस. कार्डिनेटर डाॅ॰ प्रकाश कुमार झा ने कहा कि अभी तक राष्ट्रीय सेवा योजना के शैक्षणिक कार्यक्रमों में लगभग 35 लाख स्वयंसेवक लगे हुए हैं। उन्होंने केरल, आंध्रप्रदेश और तामिलनाडु के राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों और प्रभाव के बारे में भी बताया।
मुख्य वक्ता डाॅ॰ सरस्वती मिश्रा ने कहा कि हम सभी को पर्यावरण एवं महिलाओं की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर होना चाहिए। उन्होंने विस्तार से पुरूष और महिला शिशुओं के साथ संतुलित व्यवहार पर जोर दिया।
डाॅ॰ सुशील कुमार अंकन ने स्वयंसेवकों को बताया किया पाहन टोली के घर घर जाकर बस्ती वालों की समस्या को कैसे जानेंगे। उन्होंने प्रश्नावली बनाकर ग्रामीणों की समस्याओं को चिन्हित करने उसपर रिपोर्ट तैयार करने और प्रोग्राम काॅर्डिनेटर तक पहुँचाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया।
डाॅ राज राजेश्वरी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेवारी केवल पुरूषों पर नहीं बल्कि महिलाओं पर भी होती है। डाॅ॰ उषा किरण ने अपने वक्तव्य में कहा कि हम केवल पौधा ही नहीं लगाये पर उसकी देखभाल भी करें।
पूरे उद््घाटन सत्र का संचालन कैम्प के समन्वयक डाॅ॰ अजय कुमार सिंह ने की। व्यवस्था देखने वालों में दर्शनशस्त्र विभाग के रिसर्च स्काॅलर बिनोद राम, अनूप प्रसाद, संजय दास, अशोक राम आदि थे साथ ही दर्शनशास्त्र के विद्यार्थियों में सुप्रीति हेम्ब्रम, शंकरदयाल सिंह मुंडा, निशिकांत उरांव, दीपिका बिरूआ, रत्नाज्योति, प्रीति कुमारी, शगुफ्ता मुस्लिम, शइस्ता आदि का काफी योगदान रहा।
यह कैम्प 5 फरवरी से शुरू होकर 11 फरवरी तक चलेगा। इस बीच पाहन टोली हातमा बस्ती में स्वयंसेवक वहां की समस्याओं से अवगत होंगे।