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भारत सरकार की स्टार्टअप पहल के तहत पंजीकृत 19,351 स्टार्ट-अप्स में झारखण्ड से 158 स्टार्ट-अप्स

रांची , झारखण्ड | जुलाई | 01, 2019 ::

भारत सरकार की स्टार्टअप पहल के तहत पंजीकृत
19,351स्टार्ट-अप्स में झारखण्ड से 158 स्टार्ट-अप्स

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वाणिज्य और उद्योग मंत्री का राज्य सभा सांसद श्री परिमल नथवाणी को प्रत्युत्तर

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भारत सरकार की स्टार्ट-अप इंडिया पहल के तहत देशभर में कुल 19,350 स्टार्ट-अप्स का पंजीकरण किया गया है, उसमें से 158 स्टार्ट-अप्सझारखण्ड के है। सबसे अधिक 3661 स्टार्टअप का पंजीकरण महाराष्ट्र में किया गया है, उसके बाद कर्णाटक में 2847 और दिल्ही में 2552 स्टार्टअप का पंजीकरण किया गया है। उसके बाद के क्रम में उत्तरप्रदेश, तेलंगाणा, हरियाणा और तमिलनाडु आते है ओह झारखण्ड का क्रम सत्रवां है। केन्द्रीय वाणिज्य एवम् उद्योग मंत्री श्री पियूष गोयल ने यह जानकारी जून 28,2019 को राज्य सभा में सांसद श्री परिमल नथवाणी द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उपलब्ध कराई।

भारत सरकार द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप्स कॉर्पस फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) के तहत, वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) ने अभी तक 247 स्टार्ट-अप्स में रू. 1625.73 करोड का निवेश किया है। एआईएफ द्वारा सबसे ज्यादा रू.499.85 करोड का निवेश कर्णाटक के 75 स्टार्ट-अप्स में और उसके बाद रू.440.38 करोड का निवेश महाराष्ट्र के 68 स्टार्ट-अप्स में किया गया है।

श्री नथवाणी स्टार्ट-अप इण्डिया योजना की मुख्य विशेषताएं और देश-भर से इसके आरंभ होने के बाद से इस योजना के अंतर्गत किए गए पंजीकरणों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार संख्या, इस योजना के अंतर्गत आरंभ होने के बाद से अब तक स्वीकृत, आंबटित और उपयोग की गई धनराशि और निर्धारित/प्राप्त लक्ष्यों के बारे में जानना चाहते थे। आप वर्तमान में स्टार्ट-अप नीतियां तैयार करनेवाले राज्यों और स्टार्ट-अप्स के पंजीकरण और निष्पादन की संख्या की द्रष्टि से देश के 5 शीर्ष राज्यों के बारे में जानना चाहते थे।

मंत्रीजी के प्रत्युत्तर के अनुसार, स्टार्ट-अप इण्डिया पहल 16 जनवरी 2016 को शुरू की गई, जिसमें 19 कार्रवाई बिंदु शामिल है जो इस पहल के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में कार्य करते हैं । इसकी शुरुआत से, 24-06-2019 तक देश भर में 19,351 स्टार्ट-अप्स और उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा मान्यता प्रदान की गई है ।

मंत्रीजी ने यह भी बताया कि भारत सरकार ने स्टार्ट-अप्स की निधीयन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, 10,000 करोड़ रुपए के स्टार्ट-अप्स कॉर्पस फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) की स्थापना की है। एफएफएस के लिए डीपीआईआईटी निगरानी एजेंसी है और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) संचालन एजेंसी है । योजना की प्रगति और निधि की अपलब्धता केआधार पर 14वें और 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल में कुल 10,000 करोड़ रुपए की निधि की परिकल्पना की गई है । सिडबी ने 49 सेबी के पास पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के लिए 3123.20 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता व्यक्त की है । इस कोष 27,478 करोड़ रुपए का कॉर्पस फंड जुटाया है, ऐसा मंत्रीजी ने बताया । स्टार्ट-अप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स से 483.46 करोड़ रुपए निकाले गए हैं । इसके अलावा, एआईएफ द्वारा 247 स्टार्ट-अप्स में कुल 1,625.73 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है ।

देश में झारखण्ड समेत कुल 26 राज्यों ने स्टार्टअप नीतियों को अधिसूचित किया और उन्हें लागू
किया है।

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