Nagpuri film philmania released on you tube
Breaking News Latest News झारखण्ड राष्ट्रीय सिनेमा

आकृति एंटरटेनमेंट के बैनर तले पूर्ण रूप से झारखंड में निर्मित बहुचर्चित नागपुरी फ़िल्म “फुलमनिया” यूट्यूब पर रिलीज

Nagpuri film philmania released on you tubeराँची/मुम्बई | अप्रैल | 25, 2020 :: आकृति एंटरटेनमेंट के बैनर तले पूर्ण रूप से झारखंड में निर्मित बहुचर्चित नागपुरी फ़िल्म “फुलमनिया” को यूट्यूब पर रिलीज कर दिया गया है।

फ़िल्म को सिनेमा हॉल में पहले ही रिलीज कर दिया गया था। निर्माता निर्देशक लाल विजय शाहदेव ने बताया कि पहली बार किसी नागपुरी फ़िल्म को पूरे झारखंड के सिंगल थिएटर के अलावा मल्टीप्लेक्स में भी रिलीज किया गया था।फिर भी काफी लोगों तक यह फ़िल्म नहीं पहुँच पाई थी।
पर दर्शकों के जबरदस्त मांग पर इसे यूट्यूब पर रिलीज कर दिया गया है।
लाल विजय ने बताया कि फुलमनिया पहली नागपुरी फ़िल्म है,जो पिछलें साल कांन्स फ़िल्म फेस्टिवल,फ्रांस में दिखाई गयी थी।
यह फ़िल्म एक तरफ डायन प्रथा के दुःखद पहलू को उजागर करती है।
वहीं बांझपन के शिकार औरतों के दर्द को दर्शाती है।फ़िल्म में बेटा-बेटी की समानता पर भी जोर दिया गया है।
फ़िल्म की निर्मात्री नीतू अग्रवाल ने बताया कि यह फ़िल्म मनोरंजन से भरपूर है और यूट्यूब के माध्यम से पूरे झारखंड और आसपास के दर्शकों तक पहुंच पाएगी।फ़िल्म पूरे परिवार और खासकर नौजवानों को देखना चाहिए।
फ़िल्म में सहज नागपुरी भाषा का प्रयोग किया गया हैं,जिसका उद्देश्य सभी को आसानी से समझ में आ सकें।झारखंड और आसपास के दर्शकों को भी इस फ़िल्म का बेसब्री से इंतज़ार था।
फ़िल्म में नंदलाल नायक का संगीत बहुत ही मधुर है।
पद्मश्री मुकुंद नायक और ज्योति साहू द्वारा गाये गीत पहले ही हिट हो चुके हैं।
‘फुलमनिया’ एक गांव की अल्हड़, शोख और चंचल लड़की है. छोटी उम्र में उसकी शादी हो जाती है. फुलमनिया (कोमल सिंह) के व्यवहार से उसकी सास बेहद खुश थी.
कुछ ही दिनों में फुलमनिया को मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है, जब उसके पति की मौत हो जाती है.
पति की मौत से पहले उसके घर की एक गाय मर गयी थी. गांव की महिलाओं ने फुलमनिया को अपशकुनी और डायन कहना शुरू कर दिया.
एक ओझा ने इस पर मुहर लगा दी और फुलमनिया को पत्थर मारकर गांव से भगाने की सलाह दे दी.
अशिक्षित, अज्ञानी लोगों ने मार-मारकर फुलमनिया को गांव से निकाल दिया.

ससुराल से बेइज्जत करके निकाली गयी फुलमनिया किसी तरह रांची पहुंच जाती है.
यहां उसे एक घर में नौकरी मिल जाती है और कमाये हुए पैसे वह अपनी बीमार मां के इलाज के लिए भेज देती है.
उसे जब ज्यादा पैसे की जरूरत होती है, तो वह मालकिन से मांगती है.
मालकिन पैसे देने से साफ इन्कार कर देती है. फुलमनिया को पता चलता है कि किसी को किराये की कोख की जरूरत है और उसके लिए एक लाख रुपये मिलेंगे. फुलमनिया पेपर लेकर उस घर तक पहुंच जाती है.

यहां उसकी मुलाकात ऋषि (अंकित राठी) से होती है.
ऋषि फुलमनिया को जय (रवि भाटिया) और प्रीति (खुशबू शर्मा) से मिलवाता है. प्रीति बांझपन की शिकार महिला है, जो अपने पति जय से बहुत प्यार करती है. जय के माता-पिता को वंश चलाने के लिए पोता चाहिए. और प्रीति को बार-बार इसके लिए ताने सुनने पड़ते हैं. प्रीति किराये की कोख से अपना बच्चा पाने के लिए जय को मनाती है. फुलमनिया अपने कोख में जय का बच्चा पालने के लिए तैयार हो जाती है.

इसी दौरान प्रीति को आत्मग्लानि महसूस होती है कि उसने अपने पति को खुद किसी और महिला को सौंप दिया. इस आत्मग्लानि में वह आत्महत्या करने जाती है.
जय का दोस्त ऋषि उसे जान देने से तो बचा लेता है, लेकिन उस आंधी-तूफान की रात प्रीति के जीवन में एक नया तूफान आ जाता है.
जीवन में आये इस तूफान को पर्दे पर जीवंत करने में खुशबू ने कोई कसर नहीं छोड़ी है.
फिल्म के पहले दृश्य से लेकर अंतिम दृश्य तक फुलमनिया के बचपन के मित्र बतक्कड़ (हंसराज जगताप) ने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है.

फिल्म में जय के माता-पिता क्रमश: नीतू पांडेय और विनीत कुमार ने एक रूढ़िवादी बुजुर्ग के किरदार को पर्दे पर जीवंत कर दिया है. बतक्कड़ की नानी का किरदार छोटा और सीमित है, लेकिन रीना सहाय ने बेहतरीन प्रस्तुति दी है.
फुलमनिया के बाबा शैलेंद्र शर्मा और उसकी मां सुशीला लकरा के अलावा उसकी जेठानी का किरदार निभाने वाली किम मिश्रा ने अच्छा अभिनय किया है.
भोला बाबा की भूमिका में प्रणब चौधरी,
ओझा का किरदार मुन्ना लोहार और
गांव के युवक नंदू (अशोक गोप)
ने भी दर्शकों का मनोरंजन किया है.

नंदलाल नायक के संगीत और ज्योति साहू की आवाज दर्शकों को खूब भायी.
फुलमनिया का फिल्मांकन (सिनेमाटोग्राफी) किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है.
भाषा ऐसी है कि आप आराम से फिल्म के संवाद को समझ सकते हैं.
बॉलीवुड में 21 साल तक काम करने के बाद लाल विजय शाहदेव ने नागपुरी दर्शकों की नब्ज पकड़ी है और सही विषय का चयन किया है, जिसकी सराहना हो रही है।

Leave a Reply