श्री गुरु नानक देव जी
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मन तन तेरा धन भी तेरा तू ठाकुर प्रभ स्वामी मेरा

रांची, झारखण्ड । नवम्बर | 04, 2017 :: गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा खालसा पंथ के प्रणेता धन धन श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 548वें पावन प्रकाश पर्व के तीन दिवसीय आयोजन के उपलक्ष्य में कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा साहिब में आज 3 नवम्बर, शुक्रवार को रात में विशेष दीवान सजाया गया.
>             गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा दीवान की शुरुआत रात  08.00 बजे स्त्री सत्संग सभा की गीता कटारिया, शीतल मुंजाल, इंदु पपनेजा, बंसी मल्होत्रा, रेशमा गिरधर, सपना काठपाल एवं नेहा मिढ़ा द्वारा ”  करता घर आया…….” एवं ” गुरमुख कल विच परगटया……” शबद गायन से हुई.
भाई भरपूर सिंह जी एवं साथियों ने “सतगुर नानक परगटया मिटटी धुंध जग चानन होआ……” शबद गायन  किया.

श्री गुरु नानक देव जी
गुरुद्वारा के मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी जेवेन्दर सिंह जी ने कथावाचन कर गुरु नानक देव जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए संगत को बताया कि गुरु नानक देव जी ने लोगो को अंधविश्वास और आडंबर से दूर रहने के लिए प्रेरित किया तथा असहाय एवं गरीबों की सेवा को ही सच्ची सेवा बताया.
भाई तेजेंदर सिंह जी(शिमला वाले) ने “सबते वडा सतगुर नानक जिन कल राखी मेरी….” तथा ” बाबा नानक तेरी जय होवे……” शबद गायन किया.
ज्ञानी हरपाल सिंह जी फतेहगढ़ साहिब वाले ने कथा द्वारा संगत को गुरवाणी से जोड़ा तथा बाबा नानक की जीवनी के बारे में बताते हुए कहा कि गुरु नानक जी के जीवन में अनेक अद्‌भुत घटनाएँ घटित हुईं जिनसे लोगों ने समझ लिया कि वे एक असाधरण बालक है.पुत्र को गृहस्थ जीवन में लगाने के उद्‌देश्य से पिता ने जब उन्हें व्यापार हेतु कुछ रुपए दिए तब उन्होंने समस्त रुपए साधु-संतों व महात्माओं की सेवा-सत्कार में खर्च कर दिए.उनकी दृष्टि में साधु-संतों की सेवा से बढ्‌कर लाभकारी सौदा और कुछ नहीं हो सकता था.

श्री गुरु नानक देव जी
जम्मू से विशेष रूप से शिरकत करने पहुंचे रागी जत्था भाई साहिब भाई जगतार सिंह जी ने “मन चावो भया प्रभ आवत सुनिया……..” एवं ” आदेश तिसे आदेश आदि अनिल अनादि अनाहत जुग जुग एको वेस……” तथा ” मन तन तेरा धन भी तेरा तू ठाकुर प्रभ स्वामी मेरा………” जैसे कई शबद गायन कर समूह साध संगत को भाव विभोर कर दिया.
> आनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुक्मनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ रात 12 बजे दीवान की समाप्ति हुई. इस मौके पर गुरु का अटूट लंगर चलाया गया जिसमें सैकड़ो श्रद्धालुओं ने पंगत में बैठकर लंगर चखा.
आज सुबह भी 8 बजे से 10.30 बजे तक विशेष दीवान सजाया गया और गुरु का अटूट लंगर चलाया गया.
आज के दीवान में सभा के प्रधान जयराम दास मिढ़ा, सचिव रामकृष्ण मिढ़ा, द्वारका दास मुँजाल, सूंदर दास मिढ़ा, अर्जुन दास मिढा, अशोक गेरा, जीवन मिढ़ा, मोहन काठपाल, हरगोविंद गिरधर, लक्ष्मण दास मिढ़ा, चरणजीत मुंजाल, लेखराज अरोड़ा, इंदर मिढा, रमेश पपनेजा, पाली मुंजाल, सुरेश मिढा, हरीश मिढा, राजेंद्र मक्कड़, अनूप गिरधर, बिनोद सुखीजा, बसंत काठपाल, पवनजीत सिंह खत्री, रमेश तेहरी, हरविंदर सिंह, लक्ष्मण दास सरदाना, प्रेम मिढ़ा, कमल मुंजाल, गुलशन मिढ़ा, रमेश गिरधर, प्रेम सुखीजा, सुभाष मिढ़ा, हरजीत बेदी, पंकज मिढ़ा, सुरजीत मुंजाल, मनीष मल्होत्रा, सागर थरेजा, विशेष काठपाल, जयंत छोकरा, सूरज झंडई, गौरव मिढ़ा, रौनक ग्रोवर, अमन डावरा, पियूष मिढ़ा,आशु मिढ़ा, नवीन मिढ़ा, रिक्की मिढ़ा, बबली दुआ, बीबी प्रीतम कौर, बबली मिढ़ा, मंजीत कौर, दुर्गी मिढ़ा, डॉली गिरधर, बिमला मुंजाल, चाँद नागपाल, तीर्थी काठपालिया, गोविन्द कौर, नीता मिढ़ा, बेबी मुंजाल, रजनी तेहरी, रवि नागपाल,खुशबू मिढ़ा, उषा झंडई, नीतू किंगर, ममता थरेजा, श्वेता मुंजाल, अमर बजाज, ममता सरदाना, सिल्की मिढ़ा समेत अन्य श्रद्धालु शामिल हुए.
कल का दीवान रात 8 बजे से मध्य रात्रि 2.30 बजे तक सजेगा तथा प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में परसों 2 नवम्बर से पढ़े जा रहे श्री अखंड पाठ की समाप्ति होगी.

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