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आओ लौट चलें प्रकृति की ओर : अर्पणा सिंह

रांची, झारखण्ड  | जून  | 12, 2021 :: जिसने हमें जीवन दिया, पीने को शीतल जल, सांस लेने को शुद्ध हवा, रहने को घर और घना जंगल दिया!
प्रकृति हमारी माता, जननी, जीवन का आधार है उसका तो सम्मान करो
जो हमें अन्न, जल, शुरू हवा देती है उसके साथ ऐसा तो व्यवहार न करो
हमारी सांसें जिसकी देन है उसे ही प्रदूषित करते हो, हे मानव जो हमारा जीवन आधार है, उसे क्यों कष्ट देते हो
सोचो जब वह हमसे रूठ जाएगी तो क्या मंजर हो जाएगा, पेड़ों को जब काट देंगे तो क्या भयावह जलजला नहीं आएगा?
नदियों को जो दूषित कर देंगे तो पानी रहते भी हम सूखे कंठ ना मर जाएंगे,
सारी धरती रेगिस्तान हो जाएगी
तो भूख से बिलख_बिलख कर प्राण _पखेरू न उड़ जाएंगे, चारो तरफ़ अस्थि पंजर ही न नज़र आएगें
हवाओं को जो हमने प्रदूषित किया तो सांस लेने को शुद्ध हवा कहा से पाएंगे
जो प्रकृति हमें जीवन देती, हमारा ख्याल रखती, हर सुख -सुविधाएं देती, तो क्या अगर हम चाहें तो उसे कुछ ना दे पाएंगे
फिर से उसकी स्वच्छता, हरियाली क्या ना लौटा पाएंगे
तो चलो आज संकल्प लें वातावरण से प्रदूषण को भगाएँगे, जिन नदियों को गंदा किया उसे प्रदूषण मुक्त कराएँगे, जिन पेड़ों को काट हवाओं को जो हमनें दुषित किया उसे शुद्ध करने के लिए अनेकों पेड़ लगाएँगे
अपनी धरती माँ को उसकी रौनक लौटाएँगे ,
धरती को हरा_भरा वातावरण को स्वच्छ बनाएँगे
तो आओ आज ये कसम खाएं की जल, थल, नभ, बिजली को बचाएँगे, सारे जग को बचाएँगे ,औरौ को समझाएँगे पेड़ हम लगाएँगे, प्रकृति को पहले जैसा बनाएँगे, उसे सम्मान दिलाएँगे…….

अर्पणा सिंह

शिक्षिका, डी ए वी कपिलदेव पब्लिक स्कूल, कडरू, रांची, झारखंड

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