रांची, झारखण्ड | नवम्बर | 09, 2020 :: अपने शहर का आदमी धारावाहिक की सातवीं कड़ी ‘‘आसमान छूते सपने’’ की आज प्रेस क्लब में प्रथम स्क्रीनिंग हुई। यह कड़ी आकाशवाणी से अवकाशप्राप्त कार्यक्रम अधिशासी (कृषि एवं गृह एकांश) तथा कृषि परामर्शी डाॅ॰ गनौरी राम पर बनाई गई है। कुल एक घंटे बीस मिनट की इस फ़िल्म में डाॅ॰ गनौरी राम के बचपन से लेकर अब तक के संघर्षों, सामाजिक संदर्भों, कृषि के क्षेत्र में उनका योगदान और उनकी उपलब्धियों को बहुत ही बारीकी से चित्रित किया गया है।
डाॅ॰ सुशील कुमार अंकन द्वारा 2009 से ही बनाये जा रहे ‘‘अपने शहर का आदमी’’ शृंखला के अन्तर्गत अबतक सितार वादक प्रभात ठाकुर, साहित्यकार डाॅ॰ श्रवणकुमार गोस्वामी, अभिनेता बलदेवनारायण ठाकुर, लोक-लेखक एवं अभिनेता तिनकौड़ी साहु, कवि एवं साहित्यकार डाॅ॰ विद्याभूषण, रवीन्द्र संगीत साधिका प्रणति लाहिड़ी और आकाशवाणी से अवकाशप्राप्त कार्यक्रम अधिशासी डाॅ॰ गनौरी राम पर कुल सात फ़िल्में (विडियो बुक) बनाई जा चुकी है।
अपने शहर का आदमी …धारावाहिक का उद्देश्य
कला-संस्कृति, साहित्य से ही किसी भी क्षेत्र की पहचान बनती है। अपने शहर के कई साहित्यकार, कलाकार, संस्कृतिकर्मी, समाजसेवी अपनी मिट्टी का कर्ज चुका कर हमसे विदा हो गये और हम सब उन्हें धीरे धीरे भूलते जा रहे हैं। अपने शहर की कई विभूतियाँ चुक र्गइं और न हमलोग कुछ कर पाये और न तो सरकार ने ही उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को संरक्षित करने के लिए कोई उपाय किया।
ऐसे ही शिल्प और शिल्पकार को विरासत के रूप में सुरक्षित-संरक्षित करने और उन्हें आने वाली पीढ़ीयों को स्थानांतरित करने के प्रयास का नाम है ‘अपने शहर का आदमी…’ ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी अपने प्रदेश अपने शहर की हस्तियों की समृद्ध विरासत पर गर्व कर सकें और उन्हें और आगे बढ़ा सकें।
कला-संस्कृति-साहित्य से जुड़े वरिष्ठ नागरिकों पर बनाई जाने वाली फ़िल्म एक प्रकार से पुस्तक लेखन का ही कार्य है इसलिये ही इसे विडियो बुक की संज्ञा दी गई है। इस विडियो बुक को कलम से न लिख कर कैमरे से लिखा जा रहा है ताकि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का सजीव चित्रण हो सके।
दृश्य-श्रव्य माध्यम से कला-संस्कृति के मनीषियों को संरक्षित करने का बीड़ा डाॅ॰ सुशील कुमार अंकन ने उठाया है ताकि अपने शहर की विभूतियों पर विडियो पुस्तक लिखी जा सके और उनकी एक लाइब्रेरी बनाई जा सके।
अपने शहर का आदमी…की इस कड़ी के निर्माण में अहर्निश सहयोग करने वालों में डाॅ॰ गनौरी राम और उनके परिवार के सभी सदस्य हैं। फ़िल्म के लिए शोधकार्य एवं सहायक लेखन का कार्य किया है प्रो॰ रोज़ उराँव ने। लोकेशन सर्वे तथा व्यवस्था में श्रीमति मोहिनी पौराणिक, शशिकला पौराणिक, नरेश पौराणिक, बबीता पौराणिक, पंकज पौराणिक, सरोज पौराणिक, मयंक मिश्रा और राकेश रमण थे। संदर्भ दृश्यों के प्रतिकात्मक नाट्य रूपांतरण में जिन कलाकारों ने काम किया वे हैं राकेश रमण, रीना सहाय, कुमकुम गौड़, ओम प्रकाश, शशिकला पौराणिक, शगुफ़्ता यासमीन, बिनय कुमार, विकास कुमार, बिकेश उराँव, पंकज पौराणिक, मयंक मिश्रा और शशांक बशिष्ठ।
अपने शहर का आदमी …धारावाहिक के इस कड़ी के प्रथम प्रदर्शन को यूथ होस्टल्स एसोसियेशन आॅफ इंडिया, राँची युनिट झारखंड स्टेट ब्रांच के शिवेन्द्रनाथ दूबे तथा चंचल भट्टाचार्य ने प्रस्तुत किया तथा कुछ खास इवेन्ट्स के उदय साहू इसका इवेन्ट मैनेज किया।