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एकजुट, झारखण्ड द्वारा रांची के बुंडू ब्लाक में कार्यान्वित की गई देख-भाल व पोषण परियोजना पर प्रसार कार्यशाला

राची, झारखण्ड | फरवरी | 23, 2024 ::

एकजुट, झारखण्ड द्वारा रांची के बुंडू ब्लाक में कार्यान्वित की गई देख-भाल व पोषण परियोजना पर 23 फरवरी 2024 को प्रसार कार्यशाला आयोजित की गई ।

एकजुट, झारखण्ड की एक नामी स्वयं सेवी संस्था है जो कि शिशु व माँ के स्वास्थ्य, पोषण, शिशु की प्रारम्भिक शिक्षा व विकास आदि विषयों पर झारखण्ड व अन्य राज्यों में 2002 से सक्रिय है ।

यू बी एस ऑप्टीमस फाउंडेशन की वित्तीय सहायता से, एकजुट संस्था ने रांची के बुंडू ब्लाक के 23 गाँवों में देख-भाल व पोषण परियोजना क्रियान्वित की। इस परियोजना का उद्देश्य सामुदायिक बालवाड़ियों और सहभागी सीख व क्रियान्वन समूह (पी.एल.ए ग्रुप) के माध्यम से कुपोषण से बचाव व शिशु के प्रारम्भिक विकास में सुधार करना था | इस परियोजना के उपरोक्त दो घटकों के माध्यम से, एकजुट दो वर्षों में (2022-2023) करीब 25000 की जनसंख्या तक पहुँच सका ।

श्री शशि प्रकाश झा, आईएएस, निदेशक, समाज कल्याण विभाग, झारखण्ड सरकार ने इस कार्यशाला का उद्घाटन किया । एकजुट के कार्य की सराहना करते हुए, श्री झा ने छ: महीने से लेकर 3 साल के बच्चों के स्वास्थ्य और परिवार के कल्याण में बालवाड़ी की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण बताया । उन्होंने एकजुट द्वारा बनाई गई एक मॉडल बालवाड़ी की झांकी का भी निरीक्षण किया । श्री झा ने यह भी घोषणा की कि सरकार को राज्य की 38432 आँगनवाड़ियों में से 1000 आँगनवाड़ियों में बालवाड़ी चलाने की भी मंजूरी मिल गई है। साथ ही उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं से भी आग्रह किया कि वे इन बालवाड़ियों की शुरुआत करने में सरकार की मदद करें ।

इस प्रसार कार्यशाला में करीब 35 स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिनमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, यूनिसेफ़, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, पिरामल फाउंडेशन, पीएचआईए फाउंडेशन, सिनी, प्रदान, टाटा स्टील फाउंडेशन, उम्मीद फाउंडेशन, झारखण्ड राजकीय आजीविका मिशन, बचपन बचाओ आन्दोलन, जेएचपीआईईजीओ, यूएसऐड, समर्पण, सवेरा फाउंडेशन, दी हँस फाउंडेशन, टीआरआईऍफ़, आईएजी, दीपशिखा आदि शामिल हैं ।

इस प्रसार कार्यशाला में, प्रोजेक्ट क्षेत्र में, कुपोषण और बच्चों की बीमारियों में कमी,.खाद्य प्रथा, साफ़-सफाई, स्वास्थ्य स्थिति और प्रारंभिक बाल विकास आदि घटकों पर प्रारंभिक परिणाम भी साझा किए गए ।

प्रारंभिक परिणामों में निम्न घटकों में खासा बदलाव पाया गया है –

1. कुपोषण में 34.5% से 26.5 % की गिरावट पाई गई

2. बच्चों के आहार व भोजन प्रथा में सुधार-

अ) खाद्य विविधता में 15.8% से 48% का सुधार हुआ
ब) बच्चों के न्यूनतम स्वीकार्य आहार में 9.8% से 21% का सुधार हुआ

3. हाथ धोने की प्रथाओं में 46.2% से 86% सुधार हुआ

4 डायरिया में 14.3% से 2.1 की गिरावट पाई गई

5. 24.6% से घटकर केवल 10.36% बच्चों को विकास मानकों को प्राप्त करने में मदद की ज़रुरत पड़ी

 

इस प्रसार कार्यशाला में, प्रोजेक्ट क्षेत्र में, कुपोषण और बच्चों की बीमारियों में कमी. खाद्य प्रथा, साफ़-सफाई, स्वास्थ्य स्थिति और प्रारंभिक बाल विकास आदि घटकों पर प्रारंभिक परिणाम भी साझा किए गए ।

प्रारंभिक परिणामों में निम्न घटकों में खासा बदलाव पाया गया है –

1. कुपोषण में 34.5% से 26.5 % की गिरावट पाई गई

2. बच्चों के आहार व भोजन प्रथा में सुधार-

अ) खाद्य विविधता में 15.8% से 48% का सुधार हुआ

ब) बच्चों के न्यूनतम स्वीकार्य आहार में 9.8% से 21% का सुधार हुआ

3. हाथ धोने की प्रथाओं में 46.2% से 86% सुधार हुआ

4. डायरिया में 14.3% से 2.1 की गिरावट पाई गई

5. 24.6% से घटकर केवल 10.36% बच्चों को विकास मानकों को प्राप्त करने में मदद की जरुरत पड़ी

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