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दीपशिखा नामकुम में मना  लुइस ब्रेल का जन्म दिवस 

रांची, झारखण्ड  | जनवरी  | 04, 2021 :: आज दिनांक 4 जनवरी 2022को दीपशिखा नामकुम में लुइस ब्रेल का जन्म दिवस मनाया गया इस कार्यक्रम में स्पर्श परियोजना के निदेशक प्रमोद कुमार ने लुइस ब्रेल के जीवन मे प्रकाश डालते हुवे कहा कि नेत्रहीनों और बधिरान्ध बच्चों के लिखने और पढ़ने की पद्धति विकसित की इस पद्धति को ब्रेल के नाम से हम सभी जानते हैं फ्रांस में जन्मे लुइ ब्रेल नेत्रहीन दृष्टिबाधित एवं बधिरान्ध के लिए एक वरदान सिद्ध हुए ब्रेल लिपि के निर्माण करने वाले लुइस ब्रेल स्वंय नेत्रहीन थे स्वयं लुइस ब्रेल ने 8 वर्षों के अथक प्रयास से इस लिपि का निर्माण 1829 में छः बिंदुओं पर आधारित इस लिपि का निर्माण करने में सफल हुए ।

इस लिपि के माध्यम से नेत्रहीन दृष्टिबाधित एवं बधिरान्ध लोगों को पढ़ने लिखने मे आ रही बाधा समाप्त हो गई ।

वर्तमान स्थिति में ऐसे विशेष दिव्यांग बच्चे सामान्य बच्चों की तरह शिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं ।

जिस प्रकार हम सामान्य लोग पढ़ने लिखने के लिए कॉपी कलम का प्रयोग करते हैं उसी प्रकार नेत्रहीन दृष्टिबाधित और बधिरान्ध लोग ब्रेल लिपि और साइन लैंग्वेज के माध्यम से अपनी भावनाओं को पन्नों के साथ-साथ सामने वाले के समक्ष रख पाते हैं।

इसीलिए हम सभी समाज के लोगों को बाधारहित वातावरण अपने आसपास के सभी स्थानों को करने की आवश्यकता है तभी समाज के मुख्यधारा के कार्यों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकेंगे।

विशेष शिक्षक पोवेल कुमार ने कहा कि विगत एक वर्षों से झारखंड में ऐसे बच्चों एवं व्यस्को के लिए कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं जिसमें दीपशिखा संस्थान का पूर्ण योगदान है इसी कड़ी में सेंस इंटरनेशनल इंडिया एवं दीपशिखा के संयुक्त प्रयास से स्पर्श प्रोजेक्ट के तहत बधिरान्ध बच्चों एवं वयस्कों के शिक्षण प्रशिक्षण एवं स्वरोजगार विकसित करने हेतु कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं इस कार्यक्रम में शीघ्र पहचान के साथ-साथ शीघ्र हस्तक्षेप के तहत ब्रेल लिपि के माध्यम से लिखना पढ़ना साइन लैंग्वेज के माध्यम से दैनिक क्रियाकलापों के साथ-साथ शैक्षणिक गतिविधियों को अपने शिक्षक एवं अभिभावकों को प्रेषित करना सार्वजनिक स्थानों में अपने आप को संभाल ऐसी करण करते हुए ब्रेल लिपि के अक्षरों को स्पर्श कर उनकी पहचान करना एवं उनके प्रति अपनी समझ विकसित करना साथ ही स्वरोजगार को विकसित करने के लिए पैसे की पहचान करना वस्तुओं की पहचान करना मुद्रा का लेनदेन करना फिजियोथेरेपी ,स्पीच थेरेपी, बेरा टेस्ट, ऑय टेस्ट ,मेडिसिन,पौस्टिक आहार एवं राशन किट उपलब्ध कराया जाता है यह सारी प्रक्रियाएं निरंतर जारी है इस कार्यक्रम में सुमंती कुमारी,कपिल कुमार वीरेंद्र कुमार, बबलू कुमार, शंकर बेदिया ,कजरु उराँव उपस्थित थे

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