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भवनों के नियमितीकरण हेतु बिल्डिंग रेगुलराईजेशन स्कीम लाई जाए – चैंबर

रांची, झारखण्ड  | दिसम्बर  | 17, 2021 :  प्रदेश में वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को रेगुलराईज करने हेतु राज्य सरकार द्वारा बिल्डिंग रेगुलराईजेशन स्कीम लाये जाने के लिए आज फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं नगर विकास सचिव को पत्राचार किया। यह कहा गया कि राजधानी रांची समेत प्रदेश में वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को तोडने के आदेश से संबंधित निर्गत किये गये नोटिसों के आलोक में राज्य सरकार द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से आमजन भयभीत हैं। यदि राज्य सरकार इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करे, तो निश्चित ही इस समस्या का स्थाई समाधान संभव है।

चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2011 में भवनों को रेगुलराईज करने के लिए नियमितीकरण योजना लाई गई थी जिस क्रम में काफी संख्या में लोगों ने आवेदन किया था। किंतु इस योजना के प्रावधान काफी जटिल होने के कारण इस योजना का अधिकाधिक लाभ नहीं मिल सका। इसी प्रकार वर्ष 2016 में भी जी+2 भवन को नियमितीकरण की योजना लाई गई थी, इस योजना के प्रावधान भी काफी जटिल थे जिसे पूरा कर पाना सभी के लिए संभव नहीं था। इस परिप्रेक्ष्य में हमारा सुझाव है कि राज्य सरकार, ‘‘झारखण्ड नगरपालिका अधिनियम के तहत किसी भी निर्माण, पुनर्निमाण या भवन के परिवर्तन को (जिस भवन का नक्शा पास नहीं है या विचलन है) नियमितीकरण के लिए बिल्डिंग रेगुलराईजेशन स्कीम का प्रस्ताव लाने की पहल करे ताकि भवन मालिकों की चिंताओं का समाधान संभव होने के साथ ही सरकार को इस मद से राजस्व की प्राप्ति हो सके।

चैंबर महासचिव राहुल मारू ने कहा कि पूर्व में बिल्डिंग बाई लॉज प्रभावी नहीं था, ऐसे में राज्य में वर्षो पूर्व निर्मित भवनों को अचानक अवैध घोषित कर देना व्यवहारिक नहीं है क्योंकि कई इमारतों में बनी हुई दुकानें भवन मालिकों की आजीविका का मुख्य स्त्रोत है। यहां संचालित दुकानों से दुकान में कार्यरत कई कर्मचारियों की आजीविका भी जुड़ी हुई है तथा यहां से होनेवाले व्यापार से राज्य सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होती है। ऐसे इमारतों के ध्वस्त होने से शहर में नगर नियोजन और प्रबंधन की प्रक्रिया भी बाधित होगी।

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