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नई शिक्षा नीति का प्रभावी कार्यान्वयन करने वाला झारखंड का पहला विश्वविद्यालय बना सीयूजे

राची, झारखण्ड | जुलाई | 26, 2023 :: नयी शिक्षा नीति 2020 के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर देशभर से शिक्षाविद इस परिवर्तनकारी नौति के सफलतापूर्ण कार्यान्वयनपर खुशियां मना रहे हैं।
इस अवसर पर 29 जुलाई को दिल्ली के प्रगति मैदान में अखिल भारतीय शिक्षा समागम नाम से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी देशभर के विद्वानों एवं शिक्षाविदों को संबोधित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को पूर्णरूपेण लागू करने वाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय बन गया है।
सन् 2022 में ही विश्वविद्यालय ने अपने 18 विभागो में मल्टीडिसिप्लीनरी मोड में पंचवर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम आरंभ कर दिये थे।
इन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को विभिन्न स्तरों पर ईटी एवं एक्जिट की सुविधा भी दी गयी है।
ये पाठ्यक्रम राष्ट्रीय उच्च शिक्षा ढांचे के अनुरूप बनाये गये हैं।
नई शिक्षा नीति 2020 से संबंधित अपनी प्रगति के बारे में विश्वविद्यालय ने एक पुस्तिका भी प्रकाशित की है।

भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति 29 जुलाई 2020 देशभर में लागू की थी।
इसका उद्देश्य 21वी सदी की ज्ञान अर्थव्यवस्था के महत्वाकांक्षी उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए देशभर में स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था में समग्र परिवर्तन लाना है।
नई नीति में भारतीय मूल्यों के अनुरूप प्रत्येक व्यक्ति की रचनात्मक क्षमता, विचार एवं कौशल विकास पर विशेष बल दिया गया है।

झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध रहा है।
आरंभ में नई शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये आरंभ में आठ कार्य समूह बनाये गये।
उसके बाद देशभर के अनेक विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में कार्य योजना बनायी गई।
फिर उसके अनुरूप सभी विभागों में पाठ्यक्रम, मूल्यांकन विधि एवं पढ़ाई के तरीकों में ध्यानपूर्वक संशोधन किये गये हैं।
पाठ्यक्रमों को बहुविषयक एवं लचीला बनाया गया है।
साथ ही पाठ्यक्रमों में व्यवहारिक ज्ञान एवं नैतिक मूल्यों पर अधिक बल दिया गया है।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप विश्वविद्यालय में मातृभाषा में पठन-पाठन पर विशेष बल दिया गया है।

नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए आतंरिक गुणवता सेल ने पिछले दो वर्षों के दौरान विश्वविद्यालय में अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, विचार गोष्ठियों एवं वैदिनारों आयोजित किये।
जिनमें शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीक से परिचित कराया गया।
परिणामस्वरूप विश्वविदयालय में शिक्षण की गुणवत्ता बेहतर हुई है।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय में आधुनिकतम तकनीकी से लैस स्मार्ट क्लासरूम, बेहतर फर्नीचर एवं प्रयोगशालाएं भी उपलब्ध कराये गये है।

विश्वविद्यायल के कुलपति प्रोफेसर क्षिति भूषण दास के कुशल नेतृत्व एवं सभी शिक्षकों व कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास से झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करना संभव हुआ।
कुलपति प्रो. दास ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें गर्व है कि विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति को पूरी लगन एवं ईमानदारी से अपनाया और सभी शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने इस दौरान अपनी भरपूर क्षमताओं का शानदार प्रदर्शन किया।

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