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मनुष्यों-हाथियों के बीच संघर्ष :: पिछले तीन वर्षों में 1356 मनुष्यों की मौत

रांची, झारखण्ड । फरवरी | 05, 2018 ::  देश में मनुष्यों और वन्य प्राणियों के बीच संघर्ष जनता एवम् सरकार दोनों के लिए चिन्ता का विषय है । वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के तीन वर्षों के दौरान देश में केवल हाथियों के साथ संघर्ष में 1356 लोग और झारखण्ड में 178 लोग मारे
गए ।

 

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राज्य सभा सांसद श्री परिमल नथवाणी ने देश में पिछले तीन वर्षों के दौरान वन्य जीव और मनुष्यों के बीच संघर्ष में मारे गए लोगों का ब्यौरा और फसल को हुए नुक्सान का ब्यौरा मांगा था ।

केन्द्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा द्वारा राज्य सभा के पटल पर रखे गए विवरण के अनुसार, वर्ष 2017-18 में ही नवम्बर 2017 तक देश में हाथियों के साथ संघर्ष में 201 लोगों की मौत हुई जिनमें से 38 लोग झारखण्ड में मरे ।

मंत्री महोदय ने यह भी बताया कि देश मे पिछले तीन वर्ष और वर्तमान वर्ष में विभिन्न राज्यों के टाइगर रिजर्व के इर्दगिर्द बाघों के साथ संघर्ष की 49 घटनाएं सामने आईं । हालांकि झारखण्ड से ऐसी कोई घटना की खबर नहीं है । मंत्रीजी ने यह भी बताया कि मनुष्यों और जावनरों के बीच संघर्ष से निपटने का काम राज्य सरकारों द्वारा होता है । केन्द्र सरकार ने इस विषय में राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रशासनों के मुख्य वनजीव वार्डन और प्राधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं ।

मनुष्यों और जानवरों के बीच संघर्ष के उपशमन के लिए मौजूद व्यवस्ता तंत्र में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 11 और 12 के तहत उल्लिखित प्रावधानों में समस्यामूलत जंगली जानवरों और फसलों को नुक्सान या बरबाद करते जानवरों के बारे में आवश्यक कदम उठाने का अधिकार शामिल है । इतना ही नहीं, संबंधित राज्य राज्य सरकारों द्वारा बाघ, हाथी, तेंदुआ, गेंडा जैसे जानवरों के प्रबन्धन के लिए मानव प्रचालन प्रक्रियाओं/दिशा निर्देशों का उपयोग भी किया जा रहा है, ऐसा भी मंत्रीजी ने बताया । गत तीन वर्षो और चालू वर्ष के दौरान हाथियों द्वारा मारे गए लोगों का विवरण संलग्न है ।

गत तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान हाथियों द्वारा मारे गए लोगों की संख्या

 

क्र सं.

 

राज्य

 

2014-15

 

2015-16

 

2016-17

2017-18

(नवम्बर, 2017 तक)

 

टिप्पणी

1 आंध्र प्रदेश 2 0 2 3  
2 अरुणाचल प्रदेश 1 1 एनआर एनआर  
3 असम 54 31 91 31  
4 छत्तीसगढ़ 32 59 67 एनआर  
5 झारखण्ड 53 66 59 38  
6 कर्नाटक 53 47 49 9 (2017-18 आंकड़े 16-08-2017 तक दिए गए हैं)
7 केरल 20 6 22 एनआर  
8 महाराष्ट्र 3 0 0 एनआर  
9 मेघालय 3 9 एनआर एनआर  
10 नगालैंड 1 1 1 एनआर  
11 ओडिशा 64 63 65 42  
12 तमिलनाडुं 31 47 43 36  
13 त्रिपुरा 1 0 2 एनआर  
14 उत्तर प्रदेश 1 0 3 1  
15 उत्तराखंड 7 7 4 एनआर  
16 पश्चिम बंगाल 89 112 84 41  
कुल   415 449 492 201  

 

एनआर – प्राप्त नहीं ।

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