Breaking News Latest News राष्ट्रीय लाइफस्टाइल

मुंबई :: अणुव्रत सुधार की बात करता है : साध्वीश्री राकेशकुमारी

मुंबई | मार्च  | 03, 2022 ::

*अणुव्रत आंदोलन के 74वें स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम मुंबई में आयोजित*

*अणुव्रत काव्यधारा ने दिया अशांत विश्व को शांति का संदेश*

मुंबई के आचार्य तुलसी सभागार में 1मार्च को सायं 8 बजे से अणुव्रत काव्यधारा के रूप में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने एक अहिंसक और शांतिप्रिय समाज के निर्माण का संकल्प व्यक्त किया। यह कार्यक्रम अणुविभा के नाम से लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय संस्था अणुव्रत विश्व भारती के तत्वावधान में अणुव्रत समिति मुंबई द्वारा आयोजित हुआ। उल्लेखनीय है कि अणुव्रत आंदोलन के 74वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में देशभर में 50 स्थानों पर काव्यधारा कवि सम्मेलनों का आयोजन किया गया है।

कार्यक्रम को अपना उद्बोधन प्रदान करते हुए साध्वीश्री राकेशकुमारी जी ने दुनिया में बढ़ रहे हिंसा और तनाव के माहौल में अणुव्रत दर्शन को सटीक समाधान बताया। उन्होंने कहा कि अणुव्रत सुधार की बात करता है। आचार्य तुलसी ने कहा था – सुधरे व्यक्ति समाज व्यक्ति से राष्ट्र स्वयं सुधरेगा। समणी डॉ. मंजुलप्रज्ञा और समणी अमृतप्रज्ञा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

समारोह को संबोधित करते हुए अणुविभा अध्यक्ष संचय जैन ने बताया कि देश की आजादी के बाद महान संत आचार्य तुलसी ने भारत के नागरिकों से असली आज़ादी अपनाओ का आह्वान करते हुए व्यक्ति सुधार के लिए अणुव्रत की एक आचार संहिता प्रस्तुत की थी जिसे बिना किसी धर्म, जाति, रंग या वर्ण भेद के कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में अपनाकर सुखपूर्ण जीवन जी सकता है। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में आज यह आंदोलन संयुक्त राष्ट्र संघ से संबद्ध संस्था अणुविभा के तत्वावधान में देशभर में फैली 180 अणुव्रत समितियों और हजारों अणुव्रत कार्यकर्ताओं के माध्यम से संयम प्रधान अणुव्रत जीवनशैली के प्रसार में संलग्न है।

अणुव्रत गीत से शुभारंभ इस कार्यक्रम में अणुव्रत समिति की अध्यक्षा कंचन सोनी ने बताया कि देश के ख्यातिप्राप्त कवियों ने इस काव्य संध्या को अणुव्रत जीवनशैली को अपनाने के लिए अभिप्रेरित किया। दिल्ली से समागत लोकप्रिय कवयित्री डॉ. कीर्ति काले ने इन पंक्तियों के साथ अपनी बात कही कि.”अणुव्रत की आचारसंहिता जो कोई अपनाए ,
छोटे-छोटे संकल्पों से बड़े लक्ष्य को पाए “……”सुनो सुनाती हूं मैं अपनी व्यथा गीत में ढ़ाल के,
मैं पानी की बूंद हूँ मुझको
रखना जरा सम्हाल के “

जयपुर राजस्थान से आए वरिष्ठ कवि इकराम राजस्थानी ने खड़ा हुआ है विश्व में, ले अपनी पहचान ! “एटम बम” के सामने,”अणुव्रत” सीना तान !! पंक्तियों से दाद बटोरी।

राजस्थान शाहपुरा के गीतकार और पैरोडिकर डॉ. कैलाश मंडेला ने “संयम अनुशासन के बल पर जो, बदले युग की धारा।
अणुव्रत संदेश हमारा।।
गुरुवर तुलसी के महाबोध को, जन-जन ने स्वीकारा।
अणुव्रत संदेश हमारा।।
सुना कर श्रोताओं की भाव विभोर कर दिया।

हास्य कवि और व्यंगकार गौरव शर्मा और मुन्ना बैटरी ने अपने व्यंग्यों से समाज में बढ़ रही विद्रूपताओं पर कटाक्ष किया और प्रमाणिक जीवन जीने का आह्वान किया।

खचाखच भरे आचार्य तुलसी सभा गार से कविगण की विचारोत्तेजक और झकझोरने वाली उत्कृष्ट रचनाओं ने वैविध्य वर्ग के प्रबुद्ध श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया।

उल्लेखनीय है कि अणुव्रत आंदोलन अपने विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से अहिंसा, पर्यावरण, नशामुक्ति को बढ़ावा देने और समाज में फैली बुराइयों के प्रति समाज को आगाह करने के लिए अपने विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से सकारात्मक सामाजिक बदलाव के लिए प्रयासरत है। नई पीढ़ी के नव निर्माण के लिए जीवनविज्ञान, अणुव्रत बालोदय, अणुव्रत क्रिएटिविटी कांटेस्ट और अपने मासिक प्रकाशन अणुव्रत व बच्चों का देश के माध्यम से सघन व सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।

कार्यक्रम में अणुविभा की राष्ट्रीय टीम में शामिल अध्यक्ष संचय जैन उदयपुर, वरिष्ट उपाध्यक्ष अविनाश नाहर जयपुर, उपाध्यक्ष राजेश सुराणा सूरत, महामंत्री भीखम सुराणा दिल्ली, संगंठन मंत्री विनोद कोठारी मुंबई, संगठन मंत्री डॉ.कुसुम लुनिया दिल्ली, सहमंत्री इंद्र बेंगानी दिल्ली, न्यासी गणेश कछारा राजसमंद, महाराष्ट्र राज्य प्रभारी रमेश धोका, डॉ.धनपत लुनिया दिल्ली,काव्यधारा कोर टीम सदस्य नीरज बंबोली, अणुव्रत समिति मुंबई की अध्यक्षा कंचन सोनी, मंत्री वनिता बाफना, कोषाध्यक्ष ललिता जी सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन संगठन मंत्री और अणुव्रत काव्यधारा की राष्ट्रीय संयोजक डॉ.कुसुम लूनिया ने और आभार ज्ञापन मुंबई अणुव्रत समिति मंत्री वनिता बाफना ने किया।सभी कवियों का अणुव्रत पट्टका व प्रतीकचिन्ह से सम्मान किया गया।अणुव्रत सेल्फी पाॉईट भी अतिथियों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा।इसप्रकार 74 वें अणुव्रत स्थापना दिवस पर अणुव्रत काव्यधारा के सफल आयोजन से अणुव्रतआन्दोलन के स्वर्णिम इतिहास का सृजन हुआ।

Leave a Reply