आलेख़

नारी-एक अद्भुत सृष्ठि

नारी-एक अद्भुत सृष्ठि

सुंदर है सृष्ठि इनकी
कहलाती जो नारी है
कोमलता की धारा है
पर मन की बड़ी मजबूत है

नारी है जननी माता
बालिका, बहन, पत्नी, दाता
रूप है अनेक इनके
सरलता से समाए हर वेश में

नारी शक्ति है अपरम्पार
हिम्मत है भरपूर इनमे
अपने लिए खड़ा होना
बन गई है फ़ितरत इनकी

खूब हैं ढलती हर पहलू में
निभाते सारे रिश्ते नाते
अपने अनोखे अंदाज़ में
मुस्कुराते हुए अपनी आढ़ में

हर क्षेत्र में है माहिर ये
सिद्ध कर दिखलाया है
एकाग्रता, कार्यनिष्ठा एवम मनोबल जीवन के हर पहलू में

दिल के होते बेहद नाज़ुक
पर न रहा वो ज़माना
जब हर तकलीफों को
चुप चाप सह लेती ये

आज की नारी
है बेहद मजबूत
संभाले है अपने को बढ़िया से
घर और कारोबार सलीके से

सपनों को है खूब सजाते
करते साकार अपने सपने
अपने ढंग से
अपने विश्वास से

सालों साल है तब्दीलियां देखी अबला नारी से एक होशियार, हिम्मत और हौसला बुलंद नारी देख
गर्व से उठे मष्तिष्क हमारा

सलाम करते हर वो नारी को
जो अपने बलबूते ज़िन्दगी जीते हैं
फक्र है हमें की हम भी एक नारी हैं
खुशी है हमें की हम भी एक नारी हैं

लता

Leave a Reply