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नारी, एक शक्ति : गुड़िया झा

नारी, एक शक्ति : गुड़िया झा

हमारे देश में समय के साथ साथ बदलाव के इस युग में सभी क्षेत्र में जहां प्रगति का मार्ग प्रशस्त्र हुआ है, वहीं महिलाओं ने भी जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी शक्ति की एक अद्भुत मिशाल पेश की है। महिलाओं को जगत जननी भी कहा जाता है। प्रत्येक महिला अपने आप में एक बहुत बड़ी शक्ति है। इनकी धैर्य और सहनशीलता किसी विशेष परिचय का मोहताज नहीं है। घर और बाहर के काम के बीच तालमेल बैठाते हुये ये अपने सभी कार्यों को बेहतर तरीके से पूरा करने में पूरी तरह से सक्षम होती हैं। इतना ही नहीं, ये जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभाने में पूरी तरह से पूर्ण हैं। इनके त्याग और समर्पण का ही नतीजा है कि ये बेटी, बहन, बहु, पत्नी, माँ और कई रूपों में भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए जब आगे बढ़ती हैं, तो इनका आत्मविश्वास इनके चेहरे पर साफ साफ दिखाई देता है।
आज की महिलायें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति भी काफी जागरूक हैं। इन्हें और भी ज्यादा मजबूत बना कर हम एक नये भारत के निर्माण में अपनी सक्रिय भागीदारी निभा सकते हैं।

1, सोचने का तरीका।
आमतौर पर लोगों की धारणा होती है कि परिवार में किसी एक व्यक्ति के सोच और निर्णय में ही सभी का निर्णय मान्य है। इसके दूसरे पहलू को जब हम देखेंगे, तो पायेंगे कि महिलाओं में भी सोचने, समझने कि जो शक्ति है वो काफी दमदार होती है। वो अपने या परिवार से सम्बंधित कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं लेकर आने वाले लंबे समय तक के उसके अनुकूल तथा प्रतिकूल परिणामों के आधार पर ही लेती हैं। एक महिला जब पूरी तरह से शिक्षित और जागरूक होती है, तो वह पूरे परिवार, समाज और देश को भी आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। महिलाओं का आत्म सम्मान ही उनका सबसे बड़ा आभूषण होता है।
प्रत्येक अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों में जब ये अपने धैर्य और सहनशीलता के सहारे परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सामंजस्य स्थापित करती हैं, तो इनकी इन्हीं शक्तियों के सहारे आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होता है।

2, खुश रहने का मूलमंत्र।
महिलायें कभी भी अपनी खुशियां महंगी चीजों में नहीं ढूंढती हैं। इनकी भावनायें कम से कम साधनों में सबको खुश रखने की होती हैं। इनके लिए सबसे ज्यादा बहुमूल्य चीज परिवार और जीवन की शांति होती है।
महिलायें इस बात को अच्छी तरह से समझती हैं कि जीवन में खुश रहने के लिए बड़े बंगले, गाड़ियां और बड़े बैंक बैलेंस की
जरूरत नहीं होती है। जरूरत इस बात की है कि इन्हें जीवन के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाये और सभी छोटे या बड़े निर्णय लेने में इनकी भी भागीदारी हो।

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