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ज्ञान क्या है : अर्पणा सिंह

ज्ञान क्या है : अर्पणा सिंह

मन में एक सवाल उठता है
ज्ञान क्या है ? उसका वजूद क्या है?
फिर अंतर्मन से आवाज आती है अरे मूर्ख, ज्ञान ही तो वह साधन है
जो हमें हर दुख परेशानियों के भवसागर से पार उतारता है,
चाहे राहों में कितनी ही परेशानियों कि
अटकलें हो
क्योंकि ये संभव नहीं कि हर काम आसानी से हो जाए, इसलिए चाहे राहों में कितनी भी परेशानियों कि अटकलें हो, पर उसके लिए अगर आपके मन में विश्वास, साहस और समर्पण हो
आपमें ईमानदारी, त्याग और करूणा हो
जीवन दुख और व्यथा से भरा हो
पर तन- मन में ज्ञान  की समरसता हो
आपको अपने उस ज्ञान पर अटल विश्वास हो
और उस खजाने को सबपर लुटाने की आश हो
तो ऐ पथिक (विधार्थी) तुम रुको नहीं, थको नहीं
अपने ज्ञान के सागर को महासागर में बदलकर
माँ-पिता और गुरुजनों के अरमानों का आधार बनो
उस ज्ञान रुपी सागर का आजीवन विस्तार कर सबका कल्याण करो, कल्याण करो
क्योंकि ज्ञान ही साधन है जो हमें हर परेशनियों के भवसागर से पार उतारता है।

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