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आप जो बार-बार दोहराते हैं, बोलते हैं या सोचते हैं वही अचेतन मन, धारण एवं स्वीकार कर शरीर को प्रेरित करता है : संतोषी कुमारी ( असिस्टेंट प्रोफेसर )

मुस्कुराना, हंसना ,हंसाना खिलखिलाना, खेलना अथवा जीवन में कुछ न कुछ नया करते रहें। सीखते रहें। नया करने का हौसला बनाए रखें।

अपने आप को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करें तथा दूसरे को भी अच्छे कार्य के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करें।

आत्मविश्वास दृढ़आस्था तथा इच्छाशक्ति जिसको हम लोग( विल पावर) कहते हैं का विकास करें हमेशा आत्मविश्वास से भरपूर पॉजिटिव थिंकिंग करें। विधायक विचार रखें जैसे मैंने जिस काम को हाथ में लिया है उसे भली-भांति पूरी योग्यता विश्वास एवं सफलता से कर सकती हूं मैं सक्षम हूं, मैं शक्तिशाली हूं ,मैं सफल हूं ,मुझ में यह सब करने की भरपूर योग्यता है मैं स्वस्थ हूं ,मैं सुंदर हूं ,मेरे तन से भी ज्यादा मन तथा मन से भी ज्यादा आत्मा सुंदर है मैं आनंदित हूं मैं एक विचार अच्छा सुंदर स्वच्छ विचारों का सर्वोत्तम इंसान हूं इस प्रकार के विधायक,सुंदर एवं सृजनशील विचारों को गहरी सांस लेकर बार-बार दोहराते रहे लेकिन ध्यान रखें ऐसा विचार करते समय आप गर्व से फूल कर गोलगप्पा ना हो जाएं। रचनात्मक सोच से शरीर का रोम रोम से अन्नंददायी, स्फूर्ति ऊर्जा से आविष्ठ होने लगता है और आप जो बार-बार दोहराते हैं बोलते हैं या सोचते हैं वैसा ही अचेतन मन धारण एवं स्वीकार कर एवं शरीर को प्रेरित करता है जीवन की हर व्यथा, कथा, निराशा, कुंठा, शोक ,चिंता दुख पीड़ा ,बेचैनी ,भ्रम है तथा संशय समाप्त हो जाते हैं ।जीवन एक नई ऊर्जा से आविस्ठ होकर उत्साह एवं प्रेरणा से परिपूर्ण साहसिक – सुहाने सफर पर निकल पड़ता है जिसमें स्वास्थ्य,सुख,शांति ,समृद्धि एवं समता के पड़ाव आते हैं। जीवन की सार्थकता एवं अर्थवक्ता को नए आयाम मिल जाते हैं। अपनी शक्ति एवं सामर्थ्य के अनुसार कार्य एवं लक्षण का चुनाव करें सफलता मिलेगी ।भली प्रकार से सोच समझकर कार्य एवं लक्ष्य चुने।जो आप कर सकते हैं जिस पर आपका अधिकार है आपका बस चलता है उन्हें बातों के बारे में सोचें। प्राकृतिक विपदा या मृत्यु के संबंध में सोचकर तनावग्रस्त एवं चिंतित नहीं हो हम दुनिया को अपने अनुसार चला नहीं सकते।बहुत सी बातें ना चाहते हुए भी घटित होती है, जिस कार्य समस्या का समाधान अपने हाथ में नहीं है उसे स्वीकार कर नियति के हाथ में तथा समय की धारा पर छोड़ दें जिस बात को लेकर मन ज्यादा चिंताग्रस्त है, उससे मुक्त होने का प्रयास करें फिर भी सफलता नहीं मिलती है तो उसके बुरे से बुरे परिणाम यानि ज्यादा से ज्यादा यही हो सकता है वाला भाव अपनाएं तथा सदैव स्मरण रखें कि जिस काम को आप कर सकते हैं उसके लिए क्या चिंता करना तथा जिस काम को नहीं कर सकते हैं उसके लिए क्या चिंता एवं तनाव पैदा करना। तो जीवन को हमेशा शांति एवं सुकून भरा जीने का प्रयास करना चाहिए मन आनंदित एवं उल्लास होता है या प्रफुल्लित होता है तो हमारा दिनचर्या अच्छा जाता है। आप इन सारी चीजों को करने के लिए बागवानी कर सकते हैं, सैर सपाटा कर सकते हैं पर्यटन कर सकते हैं, खेल, समाज सेवा, गपशप ,चुटकुले तथा हल्की फुल्की बातचीत में मशगूल रहे। और नहीं तो सुबह शाम 3-4 किलोमीटर टहले। टहलते समय मुस्कुराते रहें, आनंदित रहें। स्वयं को ना तो कमजोर होने दे महसूस करें,ना माने और न स्वीकार करें ।शीघ्र परिणाम देने वाले कार्य करें, छोटी-छोटी सफलताओं को अनदेखा ना करें स्वयं को शाबाशी दे, प्रतिष्ठा दे, लेकिन घमंड ना करें ।स्वयं को प्रतिष्ठित करने एवं धन्यवाद देने से आत्मविश्वास बढ़ता है तथा आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहन मिलता है। किसी भी कार्य को कल पर ना टाले। बहाने ना बनाएं और कार्य नहीं करने हेतु गलत कारणों को ना तलाशे। बहाने तलाशने का अर्थ है तनाव एवं विषाद से दोस्ती करना ।असफल होने पर दूसरों पर दोषारोपण ना करें, इससे असफलता हाथ आती है और मन तनाव एवं विषाद से ग्रस्त हो जाता है सफलता के लिए पूरी लगन एवं निष्ठा से कार्य में जुट जाएं भविष्य की चिंता कल्पना एवं सपनों तथा अतीत की स्मृतियों में वर्तमान से आंख मूंद लेना तनाव को आमंत्रित कर स्वयं को नष्ट करना है किसी भी कार्य को दृढ़ निश्चय एवं आस्था के साथ प्रारंभ करें अन्यथा उदासीनता तनाव एवं निराशा ही हाथ लगेगी। सदैव गतिशील एवं कर्मशील बने रहे। अपने आप को अच्छी चीजें करने के प्रति हमेशा तैयार रखें।

संतोषी कुमारी

असिस्टेंट प्रोफेसर ,

स्कूल ऑफ योग

रांची यूनिवर्सिटी, रांची

 

 

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