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महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमारजी की महत्वपूर्ण भेंट

नई दिल्ली | अगस्त | 30, 2023 :: राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमारजी की प्रथम भेंट हुई।
मुनिश्री ने जब आचार्य प्रवर का मंगल पावन संदेश महामहिम को सुनाया, तब राष्ट्रपति महोदया ने दोनों हाथ जोड़कर मस्तक झुकाकर गुरुदेव को प्रणाम किया ओर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वो महान आत्मा हैं, पुण्यात्मा हैं, मैं पूर्व में उनके दर्शन कर चुकी हूं।
मुनिश्री जी ने महामहिम को आचार्य श्री महाश्रमण दीक्षा कल्याण महोत्सव, संयम की स्वर्ण जयन्ती, अणुव्रत अमृत महोत्सव,जीवन विज्ञान, अणुव्रत यात्रा आदि अनेक विषयों पर अवगति प्रदान की ।
अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह जो 1 से 8 अक्टूबर तक आयोजित होगा उस समय राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम करने की बात रखी। दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में आचार्य श्री महाश्रमण दीक्षा कल्याण महोत्सव के उपलक्ष्य में भी कार्यक्रम आयोजन प्रस्तावित किया। जिसमें दिल्ली में प्रवासित चारित्र आत्माओं का भी योग मिले। दिसम्बर मुंबई में आचार्य श्री के पावन सान्निध्य में उनकी संयम की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर संबोधित करने की बात उनके सामने रखी। महामहिम ने मुनिश्री की प्रत्येक बात को गहराई से सुना, सोचा फिर कहा कि आप लिख कर सारे पत्र भिजवा दें। हमारी कमेटियां बनी हुई है वो इनपर चिन्तन करेंगी। मुनिश्री ने अणुव्रत पत्रिका की जानकारी देते हुए इस हेतु संदेश प्रदान करने के लिए भी कहा।
मुनिश्री ने वार्ता प्रारम्भ से पूर्व कहा कि मेरे सहयोगी सन्त मुनि अमन कुमार व शिष्टमंडल श्री सुखराज सेठिया, डॉ. कुसुम लुनिया व श्रीमती नीलम सेठिया प्रतिक्षारत है आप अनुमति दें तो वो भी अन्दर आ जाये, उन्होने अनुमति प्रदान की । मुनिश्री अमन कुमार जी तत्काल वहाँ उपस्थित हो गये। लगभग 18 मिनट तक चली उस भेंट वार्ता में राष्ट्रपति महोदया का तुलसी स्मृति ग्रंथ से राज्य सभा सांसद श्री लहर सिंह सिरोया ने सम्मान किया। महामहिम के समक्ष जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा दिल्ली के अध्यक्ष सुखराज जी सेठिया व अणुव्रत विश्व भारती की संगठन मन्त्री डॉ. कुसुम लुनिया ने भी प्रभावशाली रूप में अपनी भावनाएं व्यक्त की। मुनिश्री की इस शिष्टाचार भेंट में श्री टीकमचंद सेठिया, श्री बाबुलाल दुगड़ एवं डॉ. धनपत लुणिया का भी विशेष श्रम रहा। गाँधीनगर सभा एवं तेयुप दिल्ली के कार्यकर्ता शिवम छलाणी, हेमराज राकेचा, मिलन बोथरा
अनुराग बोथरा,सचिन बैद
करण सुखानी, अंकित बोथरा धनेश डूंगरवाल व प्रसांत नहाटा द्वारा रास्ते की सेवा में श्रम नियोजित किया गया।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से जिन शासन एवं तेरापंथ धर्मसंघ की बहुत प्रभावना हुई।

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