रांची , झारखण्ड | जून | 18, 2020 :: प्रख्यात ज्योतिषी एवं धर्मगुरु डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने बताया कि इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को होगा, जिसका प्रभाव भारत में पूर्णरूपेण पड़ेगा, भारत के अतिरिक्त अफ्रीका, दक्षिण यूरोप, इंडोनेशिया, माइक्रोनेशिया पर भी दृश्यमान होगा, जबकि वर्ष का अगला सूर्यग्रहण 14 दिसम्बर को पड़ेगा, किन्तु यह भारत में प्रभावी नहीं होगा,
स्वामी जी बताया ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि पर होगा, भारतीय समयानुसार सुबह के 09 बजकर 16 मिनट में प्रारंभ होगा, जबकि समाप्ति 03 बजकर 04 मिनट में होगा, कुल अवधि 5 घँटे 12 मिनट रहेगा,
सूतक काल शनिवार की रात सवा 9 बजे लग जायेगा, इस बीच खान-पान इत्यादि वर्जित होना चाहिए, बालक, बृद्ध, रोगी और गर्भवती महिलाओं की छोड़कर,
पूजा-पाठ, विग्रहों का स्पर्श त्याज्य है, किन्तु स्मरण रहे – ग्रहणकाल के बीच किये गए जप आदि कई गुना ज्यादा फलदायी माना गया है, घरों के पूजा घर और मंदिरों के पट बंद रहनी चाहिये, इसी समय से लेकर ग्रहण के पूर्ण काल तक किसी प्रकार के खाद्य समाग्री न रखी जाए, जो आवश्यक और सुखे ब्यजंन हों, में तुलसीदल डालकर अच्छी तरह ढंककर रखे जाने चाहिए,
ग्रहण निवृति के पश्चात घर, रसोई पूजाघरादि को धो-पोंछ कर भगवान को नए वस्त्र बदले जाने चाहिए, दान का भी विशेष महत्व है,
स्वामी जी ने यह भी बताया कि प्रत्येक मनुष्य को अपने राशि के हिसाब से कुछ प्रभाव पड़ते हैं, जो कि निम्न सारणी में बारहों राशि के प्रभाव दर्शाए गए हैं,
मेष – धनलाभ,
बृषभ – हानि,
मिथुन – घात,
कर्क – छती,
सिंह – लाभ,
कन्या – सुखलाभ,
तुला – यश की हानि,
बृश्चिक – शारीरिक कष्ट,
धनु – पत्नी को कष्ट,
मकर – लाभ,
कुम्भ – मानसिक तनाव,
मीन – ब्यथा।
ग्रहण का – स्पर्श काल – 10.31
मध्य काल – 12.18
मोक्ष काल – 02.04