रांची, झारखण्ड | दिसंबर | 22, 2018 :: गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा आज 22 दिसम्बर,शनिवार को श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के साहिबजादों एवं माता गुजरी जी की शहादत को समर्पित शहीदी दिवस मनाया गया.
इस उपलक्ष्य में कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा साहिब में रात को विशेष दीवान सजाकर गुरमत समागम का आयोजन किया गया.दीवान की शुरुआत रात 8 बजे स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल द्वारा ” जाको हरि रंग लागा इस जुग महि सो कहियत है सूरा ……….” शबद गायन से हुई.
हजूरी रागी जत्था भाई भरपूर सिंह जी एवं साथी ने ” दीन दयाल भरोसे तेरे सब परवार चढ़ाया बेड़े …………” एवं ” सो सिख सखा बंधप है भाई जे गुर के भांड़े विच आवे………….” शबद गायन कर संगत को गुरवाणी से जोड़ा.
इस समागम में विशेष रूप से शिरकत करने पहुंचे सिख पंथ के महान रागी जत्था भाई सरबजीत सिंह जी रमदास, अमृतसर वाले ने ” ऐसे गुर को बल बल जाईयै आप मुकत मोहे तारे ……….” एवं ” सतगुर आगै शीश भेंट दियो………..” शबद गायन कर उपस्थित साध संगत को भाव विभोर कर दिया.
पंथ के महान कथा वाचक भाई बलविंदर सिंह जी देहरादून वाले ने कलगीधर दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों के इतिहास का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि उस समय पौष का महीना था और अल्प आयु में किस प्रकार मुगलों के क्रूर शासन के खिलाफ उनकी मुगली सेना के छक्के छुड़ाते हुए धर्म की रक्षा के लिए साहिबजादों ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर इतिहास रचा. अपने चारों साहिबजादों की शहादत की खबर सुन दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह महाराज के मुख से केवल यही निकला कि ‘इन पुत्रन शीश पर वार दिए सुत चार, चार मुए तो क्या हुआ जीवत कई हजार’, ‘मेरा मुझमें कुछ नहीं जो कुछ है सो तेरा, तेरा तुझको सौंप के क्या लागे है मेरा।’
अनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुक्मनामा और कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ रात 11.15 बजे दीवान की समाप्ति हुई. मनीष मिढ़ा ने अरदास की एवं कुलदीप सिंह ने गुरु का हुक्मनामा पढ़ा. दोनों दीवानों की समाप्ति के पश्चात गुरु का अटूट लंगर बरताया गया.
सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने जानकारी दी कि आज दोपहर 3 बजे से सत्संग सभा की महिला श्रद्धालुओं ने लंगर प्रसाद के लिए सब्जी काटने की सेवा की साथ ही बताया कि आज और कल दोनों दीवानों का लाइव प्रसारण यू ट्यूब के मेरे साहिब चैनल पर किया जा रहा है.कल 23 दिसंबर का दीवान सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक सजाया जाएगा.
आज के दीवान में जयराम दास मिढ़ा, हरविंदर सिंह बेदी, रामकृष्ण मिढ़ा, सुंदरदास मिढ़ा, द्वारकादास मुंजाल, चरणजीत मुंजाल, वेद प्रकाश मिढ़ा, दीनदयाल काठपालिया, मोहनलाल अरोड़ा, अशोक गेरा, सुरेश मिढ़ा, अनूप गिरधर, हरीश मिढ़ा, अशोक मुंजाल, गुलशन मिढ़ा, रमेश गिरधर, जितेंद्र मुंजाल, प्रेम मिढ़ा, प्रेम सुखीजा, लेखराज अरोड़ा, अजय धमीजा, महेंद्र अरोड़ा, मोहन कठपाल, रमेश तेहरी, नवीन मिढ़ा, आशु मिढ़ा, पवनजीत खत्री, लक्ष्मणदास मिढ़ा, इंदर मिढ़ा, रमेश पपनेजा, रौनक ग्रोवर, कंवलजीत मिढ़ा, गीता कटारिया, तीर्थी काठपालिया, बबली मिढ़ा, मंजीत कौर, बिमला मुंजाल, मीना गिरधर, बंसी मल्होत्रा, डॉली गिरधर, नीता मिढ़ा, इंदु पपनेजा, रेशमा गिरधर, नीतू किंगर, ममता थरेजा, बेबी मुंजाल समेत अन्य शामिल थे.