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सिखों के छठे गुरु श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी महाराज के पावन प्रकाशोत्सव पर विशेष दीवान

राँची, झारखण्ड ।  जून | 29, 2018 :: गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी में सिखों के छठे गुरु और मीरी पीरी के मालिक श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी महाराज का पावन प्रकाशोत्सव 29 जून,शुक्रवार काे मनाया गया.

इस अवसर पर सुबह 8.00 बजे कृष्णा नगर कॉलोनी गुरुद्वारा साहिब में विशेष दीवान सजाया गया.दीवान की शुरुआत आसा जी दे वार कीर्तन से हुई. तत्पश्चात गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह जी ने गुरु महाराज की जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए संगत को बताया कि छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी का 1595 में प्रकाश हुआ था और वह गुरु अर्जुन देव महाराज की इकलौेती संतान थे. सिखों को एक सेना के रूप में संगठित करने का श्रेय उन्हें ही जाता है. उन्होंने सिख कौम को योद्धा-चरित्र प्रदान किया था. मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने 1606 में अपने पिता से गुरु की उपाधि प्राप्त कर ली थी. उन्होंने शांति और ध्यान में लीन रहने वाले सिख कौम को राजनीतिक और आध्यात्मिक दोनों तरीकों से चलाने का फैसला किया.गुरु हरगोबिंद सिंह महाराज ने दो तलवारें पहननी शुरू की,एक आध्यात्मिक शक्ति पीरी के लिए और दूसरी मीरी सैन्य शक्ति के लिए. उन्होंने ही अमृतसर में अकाल तख्त का निर्माण करवाया था.अपने जीवनकाल में उन्होंने बुनियादी मानव अधिकारों के लिए कई लड़ाइयां लड़ीं.

हजूरी रागी भाई भरपूर सिंह और साथियों ने “पंज प्यारे पंज पीर, छठम पीर बैठा गुरु भारी……..” और “दीन दुनी दा पातशाह, पातशाहा अडोला…….” शबद गायन कर संगत को निहाल किया.शबद कीर्तन के माध्यम से उन्होंने गुरु महाराज के आर्दशों और मीरी पीरी की व्याख्या की.

इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह बेदी ने समूह साध संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी. आनंद साहिब जी के पाठ,हुक्मनामा और अरदास के साथ दीवान की समाप्ति सुबह 10.30 बजे हुई. समापन पर कढ़ाह प्रसाद बांटा गया और अटूट लंगर मिस्सी रोटी का चलाया गया. मंच संचालन मनीष मिढ़ा ने किया.

दीवान में जयराम दास मिढ़ा, द्वारका दास मुंजाल, चरणजीत मुंजाल, हरगोबिंद गिरधर, अर्जुन दास मिढ़ा, सूंदर दास मिढ़ा, दीवान मिढ़ा, अशोक गेरा, दीनदयाल काठपालिया, मोहन लाल अरोड़ा, महेश सुखीजा, प्रेम मिढ़ा, इंदर मिढ़ा, रमेश पपनेजा, लक्ष्मण दास मिढ़ा, पवन खत्री,जीवन मिढ़ा, आशु मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, अनूप गिरधर, लक्ष्मण सरदाना, हरीश मिढ़ा, प्रेम सुखीजा, रमेश गिरधर, राजेंद्र मक्कड़, मोहन काठपाल, अजय धमीजा, रमेश तेहरी, नवीन मिढ़ा, नीरज गखड़, बसंत काठपाल, विनोद सुखीजा, जितेंद्र मुंजाल, हरजीत मक्कड़, सुभाष मिढ़ा, हरजीत बेदी, लक्ष्मण अरोड़ा,  पुरुषोत्तम सरदाना, कमल मुंजाल, कमल अरोड़ा, रौनक ग्रोवर, सूरज झंडई, अमन डावरा, बीबी प्रीतम कौर, गीता कटारिया, शीतल मुंजाल, बबली मिढ़ा, तीर्थी काठपालिया, मनौरी काठपाल, बिमला मिढ़ा, इंदु पपनेजा, नीता मिढ़ा, रेशु गिरधर आदि शामिल हुए.

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