रांची, झारखण्ड | फरवरी | 20, 2020 :: मेकॉन कम्पनी की ओर से रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों के बेहतर भविष्य के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख रूप से संन्यासी मुक्तरथ जी को स्वास्थ्य और भावी जीवन को कैसे सुखमय बनाया जाय इसके लिए आमंत्रित किया गया। महाप्रबंधक मानव संसाधन श्री संदीप सिंहा, श्रीमती आशा विश्वास, सारंगी शाहब मुख्य रूप से उपस्थित थे।
छह महीने के अंतराल में रिटायर्ड होने वाले लगभग पचास कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मुक्तरथ जी ने कहा जीवन मे प्रतिदिन हम रिटायर्ड हो रहे है। महत्वपुर्ण है आप के पास जो समय के साथ उम्र बचा है उसका इस्तेमाल कैसे करते हैं ? व्यक्ति के जीवन का कोई भी उम्र बेकार नहीं हो सकता है, हर उम्र की खाशियत है उसे आप कैसे उपयोग में लाते हैं वो महत्वपूर्ण है।
जन्म लेना, शिक्षा ग्रहण करना, शादी करना, नौकरी करना और रिटायर्ड हो जाना ही जीवन का उद्देश्य नहीं है।
नौकरी से रिटायर्ड होने का उम्र साठ साल हो सकता है पर शरीर का उम्र सौ साल है, और साठ साल के बाद निःस्वार्थ कर्मयोग को साधने में मन लगाना चाहिए, यह योगाभ्यास से प्राप्त होगा। क्योंकि योगाभ्यास शरीर और मन को शुद्व करता है जिससे कि अंतरात्मा शुद्ध होती है, विचार शुद्ध होता है, पवित्रता आती है, निश्छलता का भाव पनपता है, फिर आप अपने बच्चे और दूसरे बच्चों के बीच भेद नहीं करेंगे।
तनाव नही होगा,लोभ-लालच पर नियंत्रण होने लगेगा,जीवन अनुशाषित होने लगेगा और फिर आप बचे जिंदगी को बहुत ही आनंद पूर्वक बिता पायेंगे। जीवन की वास्तविकता समझ में आनी चाहिए तभी व्यक्ति मनुष्य रूप में जन्म लेने का उद्देश्य को समझ पायेगा।
रिटायर्डमेन्ट के बाद बच्चों के साथ समय बिताइए, आध्यात्मिक पुस्तकों का अध्ययन कीजिये,प्रतिदिन योगाभ्यास और ध्यान कीजिये,प्रतिदिन गायत्री और महामृत्युंजय मंत्रों का जप कीजिये, बिना कोई स्वार्थ के समाज को सकारात्मक दिशा देने में मदद कीजिये,खान-पान,रहन-सहन में सादगी लाइये और व्यस्त रहीये।
