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ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण हेतु रांची में कार्यशाला

राची, झारखण्ड | अगस्त | 04, 2023 :: झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद द्वारा दिनांक 4 अगस्त 2023 को ध्वनि प्रदूषण को रोकने के संबंध में कार्यशाला का आयोजन पलाश कांफ्रेंस हॉल डोरंडा, रांची में किया गया।

कार्यशाला में जेएसपीसीबी के मेंबर सेक्रेटरी वाई. के. दास,
बोर्ड के अन्य सदस्य एवं 3 प्रख्यात पैनेलिस्ट
विनोद कुमार पांडेय (महाप्रबंधक पर्यावरण सीएमपीडीआई ),
डॉ अभिषेक के रामाधीन (प्रधान सचिव, झारखण्ड चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स),
डॉ मेजर रमेश दास (निर्देशक, पारस एचइसी अस्पताल )
उपस्थित थे।
साथ ही कार्यशाला में कई प्रख्यात स्कूल के लगभग 190 विद्यार्थी एवं टीचर्स ने भी भाग लिया।

कार्यक्रम आरंभ होने के पश्चात जेएसपीसीबी के मेंबर सेक्रेटरी ने कहा “वनों के कटने से हमारी जलवायु बदल रही है, इंसान प्राकृति को नुकसान पहुंचा रहे है।
हमें इस प्रवृत्ति को बदलना चाहिए और हम यह कर सकते हैं।”,
बोर्ड के अन्य सदस्य जैसे मणि भूषण, प्रख्यात पैनेलिस्ट विनोद कुमार पांडेय, ने ध्वनि प्रदूषण के कारण बताए जैसे- यातायात से उत्पन्न हुए शोर, किसी भी प्रकार के निर्माणकार्य के कारण उत्पन्न हुए शोर, पटाखों की आवाज़, घरेलु उपकरणों से उत्पन्न हुए शोर , सामाजिक एवं धार्मिक सभाओं में तेज़ बजाए जाने वाले लाउड स्पीकर्स आदि।

साथ ही प्रख्यात पैनेलिस्ट डॉ अभिषेक के रामाधीन एवं डॉ मेजर रमेश दास द्वारा ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव बताए गए जैसे- तेज़ आवाज़ के कारण सुनने की क्षमता को नुकसान पहुँचता है, तेज़ आवाज़ स्वास्थ्य को धीरे धीरे ज़हर देने जैसे ही काम करता है।
जिस कारण कमज़ोरी, तनाव, सोने की समस्या आदि उत्पन्न होते है।
उन्होंने तेज़ आवाज़ के रोकथाम हेतु कई कदम उठाने कि सलाह दी जैसे- लाउड स्पीकर, हॉर्न, एवं अन्य उपकरण जो शोरगुल करते है, उनका कम से कम इस्तेमाल किया जाए।

झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर श्री श्रीवास्तव ने सभागार में उपस्थित नई पीढ़ी के छात्र/छात्राओं एवं टीचर्स को पर्यारण के प्रति और अधिक जागरूक होने के साथ ही ध्वनि प्रदूषण को रोकने के प्रति जागरूक होने की गुज़ारिश की ।
“उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण को हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की श्रेणी में रखे जाने का विचार किया जाना चाहिए। क्यूंकि हमारे संसाधनों की रक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी राष्ट्रीय में अन्य की रक्षा महत्वपूर्ण है ।“

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