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हर समस्या का समाधान संभव है।बस जरूरत है तो एकजुट होकर इसका सामना करने की : गुड़िया झा

 

रांची, झारखण्ड | मार्च | 23, 2020 :: कोई कुछ भी कहे लेकिन इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई अपील से पूरे हिन्दुस्तान को एकमत होना पड़ा।
जी हां, यदि देश की बागडोर सही हाथों में है तो निश्चित ही हमारी एकता में कोई दखल नहीं दे सकता है।
22 मार्च 2020 को श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित जनता कर्फ्यू ने ये साबित कर दिया कि अगर हम ठान लें तो बड़ी से बड़ी आपदा पर जीत हासिल कर सकते हैं।

1, मानव जाति की रक्षा।
ये हमारी, आपकी या किसी विशेष जाति वर्ग की नहीं, बल्कि ये संपूर्ण मानव जाति की जीवन की सुरक्षा का सवाल है।
इसमें हम सभी को धैर्य और संयम से काम लेना होगा।
तभी इस महामारी को हम जड़ों से मिटा सकते हैं।
देशवासियों ने एकसाथ मिलकर जनता कर्फ्यू को सफल बनाया। इससे उन्होंने ये साबित कर दिया कि अगर हम ठान लें तो कुछ भी कर सकने में समर्थ हैं।

इतना ही नहीं जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों के प्रति देश सेवा के लिए बड़े तो बड़े, बच्चों ने भी शंख, घंटी, थाली और तालियों से उनका हौसला बढ़ाया।
ये इस बात को दर्शाता है कि हम किस प्रकार एक दूसरे के लिए समर्पित हैं।

2, लगातार प्रयासरत रहें।
इस महामारी को हराने के लिए हमें तबतक डटे रहना है, जबतक की इसके बेहतर परिणाम ना मिलें।जनता कर्फ्यू से शुरुआत कर हमने इसका बिगूल फूंक दिया कि इस महामारी के खिलाफ हमारी ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।

लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करना होगा जब हम खुद इसके प्रति सचेत और जागरुक रहेंगे, तभी अपने परिवार, समाज और देश को स्वस्थ बना सकते हैं।
साफ सफाई में रहना बेहद जरुरी है।
साथ में यह भी जरूरी है कि जिन लोगों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं है, उन्हें भी हम इसके बारे में बतायें।

3, मुश्किल वक्त, कमांडो सख्त।
फिल्म प्रहार का ये डायलॉग इस स्थिति में एकदम सटीक बैठती है। आपदा की इस घड़ी में बहुत सारे निर्णय हमें थोड़ी सख्ती से भी लेने होंगे।
ये समय भावनाओं में बहने का नहीं है।
परिवार में किसी के घर में कोई बीमार है।
चाह कर भी हम एक शहर से दूसरे शहर में उन्हें देखने नहीं जा सकते हैं।
इस स्थिति में मन पर काबू रख कर सही निर्णय तो लेना ही होगा। इस समय जल्दबाजी में लिया गया कोई भी फैसला हमारे लिए सही नहीं होगा। अपने मन को थोड़ा सा सख्त बनाकर सही निर्णय लेना ही कल्याणकारी होगा।
दूर रहकर भी सभी की सलामती की दुआ ही इस् समय की सबसे बड़ी मांग है।
ऐसे ही समय में धैर्य और संयम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इससे बड़े से बड़े संकट को भी कर्मठता से दूर कर सकते हैं। घबराएं नहीं, डटें रहें।
हर समस्या का समाधान संभव है।बस जरूरत है तो एकजुट होकर इसका सामना करने की।

4, अफवाहों से बचें।
कभी कभी हम बेवजह अफवाहों पर ध्यान देने लगते हैं। इससे बचने की जरूरत है।
कहीं ऐसा न हों कि अफवाहों के जाल में फंसकर हम सही जानकारी से वंचित हो जायें।
यदि हमें इस विषय में सही जानकारी नहीं है तो किसी विशेषज्ञ से जानकारी प्राप्त कर उनके द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन करना चाहिए।
सचेत रहना ही सुरक्षा का उचित उपाय है।

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