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प्यार है जरूरी खुद के लिए भी : गुड़िया झा

प्यार है जरूरी खुद के लिए भी : गुड़िया झा

अक्सर हम दूसरों का ध्यान रखते हैं। वो सब कुछ करते हैं जिससे हमें खुशी मिलती है। इन सब भागदौड़ के बीच हम खुद से प्यार करना भूल जाते हैं या इसे जरूरी नहीं समझते हैं। खुद से प्यार करना आत्मकेंद्रित होना नहीं है, बल्कि अपनी इच्छाओं को पहचान कर उन्हें विकसित करना है। क्योंकि जब हम खुश और विकास की राह पर होंगे तो दूसरों के लिए भी खुशियां बांटेंगे और उन्हें विकसित कर पायेंगे।
1, अपनी एहमियत को समझें।
खुद को खास समझना एक कला है। अपने लिए भी आप वही सब करें जो दूसरों के लिए करते हैं। जब हम अपना ध्यान रखेंगे तभी दूसरों का भी ध्यान रख पायेंगे। आज के समय में कोई भी इतना फ्री नहीं है कि वो हमारा ध्यान रख सके। संसार में हर कोई सर्वगुण संपन्न नहीं होता है। बस यही बात हमारे खुद के ऊपर भी लागू होती है। कभी भी अपनी तुलना दूसरों से करने बचें। क्योंकि तुलना ऐसी चीज है जो कभी भी हमारे चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं आने देती है। खुद में आत्मविश्वास बनाये रखना और हर दिन अपने विचारों में प्रगति लाना एक ऐसा सुखद एहसास है जो हमें बाजारों में नहीं मिलती है। अपनी जिन बुरी आदतों से हमें परेशानी होती है उसे भूलने में ही हमारी भलाई है। मन को प्रेरित करने वाली बातें करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें। अधिकांश लोग अपनी सीमाओं से बाहर नहीं निकलना चाहते हैं। क्योंकि हमने अपने भीतर एक डर पाल रखा है कि लोग क्या कहेंगें?
हम लोगों के दिए गए सर्टिफिकेट पर ही अपनी जिंदगी जीने में आरामदायक महसूस करते हैं। जिस दिन हमने ये सोचना बंद कर दिया कि लोग क्या कहेंगे सम्भवतः उसी दिन से हम स्वयं से सबसे ज्यादा प्यार करने लगेंगे।
2, नई आदतें विकसित करें और नये लोगों से मिलें।
हर दिन नई आदतें विकसित करने से हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है। ये बात भी सच है कि अपनी कुछ गलत पुरानी आदतों को छोड़ना बहुत आसान नहीं होता है लेकिन बहुत मुश्किल भी नहीं है। बस जरूरत है तो नये संकल्प और मजबूत इच्छा शक्ति की। इसे हमें खुद ही विकसित करना होगा।
ठीक उसी प्रकार हम अपना सामाजिक दायरा बढ़ा कर अपने लिए नई राहें बना सकते हैं। सकारात्मक लोगों से संपर्क और नकारात्मक लोगों से दूरी हमारी प्रगति के मार्ग को प्रशस्त करता है। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि कई बार नकारात्मक विचारों वाले लोगों से चाह कर भी हम दूरी नहीं बना सकते हैं, लेकिन खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाते हुए अपने पथ पर निरंतर आगे बढ़ सकते हैं।
3, सेहत पहली प्राथमिकता।
खुद को सेहतमंद बनाये रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी का कार्य है। हम अपने घर, परिवार की देखभाल तो बहुत करते हैं, लेकिन अपनी सेहत को बहुत ही नजरअंदाज कर देते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि एक समय के बाद हमारा शरीर साथ नहीं देता है और हम खुद को असहाय महसूस करते हैं। इसलिए सबसे पहले खुद को सेहतमंद रखें। क्योंकि जब हम स्वस्थ रहेंगे तभी परिवार का भी ध्यान रख पायेंगे।
इसलिए प्रतिदिन सुबह समय पर नाश्ता, खाना और रात का भोजन भी निर्धारित समय पर ही करें। जिसमें हरी साग-सब्जियों के अलावा सलाद, दाल और विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्वों से भरपूर हमारी थाली हो। भरपूर पानी पीना और चाय, कॉफी के अत्यधिक सेवन से भी हमें बचना होगा। प्रतिदिन रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना अच्छे स्वास्थ्य की पहली निशानी है।

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