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बिहार : युवा तपस्विनी रश्मि ने एक महिने तक आहार का त्याग प्रत्याख्यान कर रचा इतिहास

 

किशनगंज, बिहार | जुलाई  | 14, 2022 ::  युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के पुण्य प्रताप व साध्वीश्री संगीताश्री जी के पावन सान्निध्य में श्रीमती रश्मि बैद के 28 दिन से निराहार तपस्या चल रही हैं ।सरदारशहर निवासी किशनगंज (बिहार) प्रवासी श्री बाबूलाल जी – कंचन बैद की पुत्रवधु, श्री हितेश जी बैद की धर्मपत्नी रश्मि बैद मात्र 35 वर्ष की उम्र में एक महिने तक आहार का त्याग प्रत्याख्यान कर इतिहास रचा है।मां श्रीमति चंदा देवी नाहटा- स्व.सोहनलाल जी नाहटा से इसने बचपन में ही संकल्पित होने के संस्कार पाये 2,3,4, 8 ,9 व 15 तक की तपस्या कर चूकी रश्मि ने नानोसा श्रद्धानिष्ठ श्रावक स्व. जतनलालजी बोथरा से इसने जैन तेरापंथ धर्म को गहराई से जाना।
बहन निशा-अनिल जी का तपस्या में बराबर साथ मिलता है।पिछले वर्ष रश्मि ने पखवाडे का और निशा ने ग्यारह की तपस्या का एकसाथ पारणा किया था।
देवर देवरानी मितेश – ममता व ननद नंदोई रुचिका – मनोज पारख तथा भाई भाभी जितेन्द्र भारती भी तप अनुमोदना का खूब लाभ ले रहे हैं।सबसे बडी बात की तपसण नन्हे बेटा बेटी यश व तनु भी पुरे मनोयोग से तप अनुमोदना में सहयोगी बन रहे हैं।
इस प्रकार के विकट तप से निर्जरा करते हुए रश्मि ने आत्मा की उज्जवलता बढाई है।आधुनिक युवाओं के लिए प्रतिमान साबित किया है।
16 जुलाई को 30 की तपस्या सान्नद सम्पन्न होकर एवं 17 को मासखमण के पारणे का भाव है।

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