रांची , झारखण्ड | जून | 26, 2019 :: रांची के सांसद संजय सेठ ने आज लोकसभा के शून्यकाल में रांची विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग उठाई संजय सेठ ने कहा रांची विश्वविद्यालय 1980 में स्थापित रांची शहर के केंद्र में स्थित है इस विश्वविद्यालय ने उत्तम शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर सिर्फ उपलब्धियां हासिल करके राष्ट्रीय अकादमी इतिहास के पन्नों पर अपना एक अलग अध्याय लिखा है या विश्वविद्यालय झारखंड राज की एक बड़ी जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां प्रधान रूप से जनजातीय आबादी रहती है जो मुख्यधारा में आने की कगार पर है और इसकी संभावनाओं को पूर्ण रूप से तलाशा नहीं गया है रांची विश्वविद्यालय की स्थापना से रांची विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर भी पर भी नाम कमाने वाले विशेषकर युवा जनजाति प्रतिभाओं को तराशने और निखारने के लिए सतत प्रयास किया है वर्ष 2018 19 में इस विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले 148296 विद्यार्थियों में से 49 993 विद्यार्थी जनजातीय हैं या कुल संख्या का लगभग 30% है इस कुल जनजातीय संख्या में बालिकाओं की संख्या 28 993 है जो कि लगभग 60% होता है आंकड़े स्पष्ट रूप से तथ्य दर्शाते हैं कि वह विश्वविद्यालय दर्शाते हैं कि विद्यालय उनको एक आधार प्रदान करता है जो जीवन में उभरने के लिए आवश्यक सुविधाओं से वंचित रहे हैं यह विश्वविद्यालय उस क्षेत्र में फैला हुआ है जहां कई जनजातीय समुदाय जैसे मुंडा खड़िया और उरांव आदि बसते हैं और जिनकी अलग अलग संस्कृति और भाषाएं हैं युवा उत्सव को अक्सर आयोजित करके विश्वविद्यालय विभिन्न प्रकार से इन संस्कृतियों और भाषाओं का संरक्षण व पूर्ण जीवन करने का प्रयास करता है जो राष्ट्रीय जीवन में नए रंग भरता है वर्ष 2018 में इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय युवा उत्सव का सफलतापूर्वक आयोजन किया और इस तरह व्यापक रूप से भारत की संस्कृति राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देने में योगदान दिया पिछले 5 वर्ष में काफी संख्या में व्यवसायिक पाठ्यक्रम जैसे फिल्म अध्ययन योग विज्ञान कला एवं शिल्प कला आदि शामिल करके शिक्षा के आधुनिकरण की दिशा में काफी कदम बढ़ाए हैं अकादमिक खेलकूद एवं संस्कृति के क्षेत्र में विश्वविद्यालय काफी अच्छा प्रदर्शन करता रहा है जिससे विद्यार्थियों में रोजगार पाने के लिए कौशल का विकास होता है और इसे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार पाने में सहायता मिलती है एनएसई के द्वारा इन उपलब्धियों के लिए विश्वविद्यालय को बी ग्रेड से नवाजा गया है एक राज्य विश्वविद्यालय के रूप में इसे ढांचागत सुविधाएं विकसित करने में चुनौतियां पेश आ रही है जो कि खासकर अपेक्षित जनजातीय स्थानों की युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इसके पास होनी चाहिए यह सब जरूरत जो विभिन्न स्तरों पर विकास हेतु आवश्यकता है पूरी हो सकती है यदि इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाए या वास्तव में इस दर्जे का पात्र है अतः पूर्ण विनम्रता के साथ ही प्रस्ताव है कि रांची विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए इससे झारखंड के लोगों की एक लंबे समय से आ रही मांग पूरी होगी
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