शनिवार 14 अक्टूबर को  पुष्य नक्षत्र :: नक्षत्र का स्वामी भी शनि और दिन भी शनिवार
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शनिवार 14 अक्टूबर को  पुष्य नक्षत्र :: नक्षत्र का स्वामी भी शनि और दिन भी शनिवार

  • दीपावली से पहले का पुष्य नक्षत्र का खरीदारी के लिऐ विशेष महत्व

  • पँ रामदेव पाण्डेय के अनुसार पुष्प नक्षत्र, नक्षत्र का राजा

  • इस नक्षत्र मे खरीदारी से धन ऐश्वर्य की बढोतरी

  • ज्योतिषशास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया

शनिवार 14 अक्टूबर को  पुष्य नक्षत्र :: नक्षत्र का स्वामी भी शनि और दिन भी शनिवार

 

रांची, झारखण्ड । अक्टूबर | 12, 2017 :: दीपावली से पहले का पुष्य नक्षत्र का खरीदारी के लिऐ विशेष महत्व है , इसलिए की खरीदारी का महत्व बढ जाता है , धनतेरस ( 17 अक्टूबर मँगलवार ) के पहले आने से बाजार खरीदारी बढेगी , शनिवार को दशमी रात 3:41 तक है , जबकि पुष्य नक्षत्र दिन 9:54 तक है , पँ रामदेव पाण्डेय के अनुसार पुष्प नक्षत्र नक्षत्र का राजा होता है , इस नक्षत्र मे खरीदारी से धन ऐश्वर्य की बढोतरी होती है , इसबार सँयोग है कि नक्षत्र का स्वामी भी शनि है और दिन भी शनिवार है , हलांकि पुरानी मान्यता है कि कार्तिक कर पक्ष को यम पँचक कहा जाता है , इस समय कोई नया काम करना वर्जित है |

पँ रामदेव पाण्डेय 8877003232

पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह होता है। ज्योतिषशास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। वार एवं पुष्य नक्षत्र के संयोग से रवि-पुष्य जैसे शुभ योग का निर्माण होता है। इस नक्षत्र में जिसका जन्म होता है वे दूसरों की भलाई के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, इन्हें दूसरों की सेवा एवं मदद करना अच्छा लगता है।

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