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सकारात्मक सोच भी बढ़ाती है हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता : गुड़िया झा

रांची , झारखण्ड | जुलाई | 19, 2020 :: शरीर को सेहतमंद और चुस्त दुरुस्त बनाये रखने के लिए अपनी सोच को सकारात्मक बनाये रखना भी अति आवश्यक है। हमारी सोच का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। लम्बे समय तक तनाव में रहना, बदले की भावना, अच्छे रिश्तों की कमी आदि कई ऐसे कारण है जिसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। महात्मा बुद्ध ने भी कहा था ” हमें किसी दूसरे से ज्यादा नुकसान हमारे अपने बेलगाम विचारों से पहुंचता है।” कहने का आशय यह है कि हमारे तन और मन के बीच लगातार बातें होती रहती हैं। सकारात्मक सोच रखने से मन गलत भावों में ज्यादा देर तक अटका नहीं रहता है। इससे हम शरीर की देखभाल के लिए जरूरी कदम उठा पाते हैं। सही सोच हमें अच्छी सेहत तक ले जाती है। बस थोड़ी सी सजगता इसे और भी बेहतर बना सकती है।

1, सकारात्मक सोच।
ऐसा भी नहीं है कि दर्द और तकलीफें सकारात्मक सोच वालों को नहीं होती हैं। लेकिन ये बात भी सच है कि सही सोच से हम तकलीफों को बढ़ने से जरूर रोक सकते हैं और जल्द ही खुद को आराम दायक स्थिति में पाते हैं। नकारात्मक सोच जहां शरीर पर बुरा असर डालती है, वहीं सकारात्मक सोच का असर तंत्रिका तंत्र से होते हुए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है। जिससे हम हर दिन, हर पल खुद को बेहतर स्थिति में पाते हैं। ये हमारे आत्मविश्वास को और भी ज्यादा मजबूत बनाता है। इससे अच्छी सेहत के साथ साथ हम अपने हर कार्य को बेहतर तरीके से कर पाने में समर्थ होते हैं।

2, अच्छे लोगों की संगति।
संगति का भी हमारे दिलो दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें हमेशा ही ऐसे लोगों की संगति में रहना चाहिए, जिनसे अच्छी बातें और प्रेरणादायक चीजें सीखने को मिले। सकारात्मक सोच रखने वाले लोग हमारी हर बात का सही अर्थ देकर हमें जिंदगी जीने का सही नजरिया सिखाते हैं। हमें स्वयं भी ऐसे लोगों से अच्छी सीख लेकर जीवन पथ पर दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बनकर रहने की जरूरत है। एक सही सोच वो चीज है जो हर किसी के जीवन में उस औषधि की तरह काम करता है जब हम कभी भी विपरीत परिस्थितियों में स्वयं को बिल्कुल असमर्थ पाते हैं। इन सबके अलावा बहुत सी ऐसी बातें भी हैं जो हमें अपनी सही सोच को बनाये रखने के लिए प्रेरित करती हैं।
जैसे – किसी के द्वारा कही गयी बातों को सही अर्थ देकर अपने विचारों को सही दिशा में लाना। ये कोई जरूरी नहीं कि हर किसी की बात का पलट कर जवाब दिया ही जाये। कुछ बातें ऐसी भी होती हैं जिनसे हम सीख लेकर आने वाले समय में एक मजबूत स्तम्भ की तरह खड़े हो सकते हैं।

3, वर्तमान का आनंद लें।
जीवन का सही आनंद लेने के लिए वर्तमान में जीना सीखें। बिता हुआ समय लौट कर वापस नहीं आता है। लेकिन कई बार हमारा मन अतीत और भविष्य के बीच फंसा हुआ रहता है। प्रत्येक क्षण वह या तो अतीत को लेकर क्रोधित रहता है या भविष्य को लेकर व्याकुल। जब हमारे जीवन में दस सकारात्मक घटनाओं के बाद एक नकारात्मक घटना होती है, तो हम उन दस सकारात्मक घटनाओं को भूल कर एक नकारात्मक घटना से चिपके रहते हैं।
मन की भी अपनी एक खुराक होती है। यदि मन को सही पोषक तत्वों से भरा जाये, तो इसका असर विचारों के साथ साथ सेहत पर भी देखने को मिलता है।
कहा जाता है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। स्वयं को किसी न किसी प्रेरणा दायक कार्यों में व्यस्त रखें। अच्छी पुस्तकों का अध्ययन भी हमारे लिए काफी उपयोगी सिद्ध होता है। इससे नकारात्मक बातें हमारे मन में अपना जगह नहीं बना पायेंगी और हम स्वयं को आशावादी विचारों से प्रभावित पायेंगे। दूसरों के प्रति प्यार, समर्पण और करुणा की भावना रखने से भी सकारात्मक विचारों का आगमन होता है।

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