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देश में स्वच्छता कवरेज 2014 के 38.7 प्रतिशत से बढकर 2018 में 77.25 प्रतिशत हुआ

रांची, झारखण्ड । फरवरी | 06, 2018 :: केन्द्रीय पेयजल एवम् स्वच्छता मंत्रालय द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत झारखण्ड राज्य के कुल 10,963 गांवो को खुले में शौच से मुक्त (ओ.डी.एफ.) घोषित किया गया है। पेयजल एवम् स्वच्छता मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, झारखण्ड राज्य के कुल 29, 647 गांवो में से 10,963 गांवो को अर्थात् 36.94 प्रतिशत गांवों को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया। हालांकि, झारखण्ड राज्य का प्रदर्शन अन्य कई राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों जैसे कि अंडमान और निकोबार (0.93 प्रतिशत), असम (29.82 प्रतिशत), बिहार (9.79 प्रतिशत), दादर एवम् नगर हवेली (17.39 प्रतिशत), जम्मू एवम् कश्मीर (6.80 प्रतिशत), मणिपुर (24.30 प्रतिशत), ओडिशा (16.34 प्रतिशत), पुडुचेरी (7.92 प्रतिशत) और त्रिपुरा (1.65 प्रतिशत) से काफी बेहतर है।

केन्द्रीय पेयजल एवम् स्वच्छता राज्यमंत्री श्री रमेश चंदप्पा जीगाजीनागी ने फरवरी 5, 2018 को राज्य सभा में सांसद श्री परिमल नथवाणी द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

सदन में रखे गये बयान के अनुसार, गुजरात राज्य के कुल 100 प्रतिशत गांव, अर्थात् सभी 18,261 गांवो को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है।

भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का आरंभ महत्मा गांधीजी के जन्मदिन के अवसर पर दिनांक 2 अक्तूबर, 2014 को किया था, जिसका लक्ष्य 2 अक्तूबर, 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाना है । गुजरात के अलावा देश के 10 अन्य राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, केरल, उत्तराखण्ड, हिरयाणा, चंडीगढ़, दमन एवं दीव और अरूणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मेघालय को भी ओडीएफ घोषित किया गया है, ऐसा मंत्रीजी के निवेदन में बताया गया।

श्री नथवाणी देश में खुले में शौच समाप्त करने सबंधी मिशन में हुई प्रगति एवम् गुजरात और झारखण्ड के विशेष संदर्भ में तत्संबंधी राज्य-वार ब्यौरा और स्वच्छता के संबंध में राज्य सरकारों के बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा किए गए प्रयास के बारे में जानना चाहते थे।

सदन में उपलब्ध कराई गई जानकारी के तहत, देश में स्वच्छता कवरेज के विषय में काफी प्रगति हुई है। देश में स्वच्छता कवरेज 2014 में 38.7 प्रतिशत था, जो 2018 में 77.25 प्रतिशत हुआ है। दिनांक 01-02-2018 के अनुसार कुल 310 जिलों, 2772 ब्लॉंकों, 1,38,799 ग्राम पंचायतों और 3,14,931 गांवों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है, ऐसा भी मंत्रीजी ने बताया।

मंत्रीजी के जवाब के अनुसार, इस स्कीम में व्यवहारगत परिवर्तन और शौचालय के प्रयोग पर बल दिया गया है, इसलिए लक्ष्यांक हासिल करने के लिए राज्यों को अपने लिए उपयुक्त दृष्टिकोण को अपनाने के लिए स्वतंत्रता दी गई है। इस स्कीम में सामुदायिक दृष्टिकोण और कार्यक्रम प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए क्षमता निर्माण पर अत्यधिक बल दिया जा रहा है । कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए पर्याप्त क्षमताओं की कमी एक प्रमुख चुनौती है । अतः सभी पक्षों तक पहुंचने के लिए विभिन्न पहले की जा रही है । भारत सरकार की ओर से राज्यों तथा चयनित संगठनों (मुख्य संसाधन केन्द्रों) को प्रशिक्षण दिया जा रहा है । एनजीओ, कॉर्पोरेट क्षेत्र, युवाओं आदि को शामिल करते हुए इस कार्यक्रम को समाज के सभी वर्गों के सहयोग से एक जन आंदोलन के रूप में चलाया जा रहा है । पंचायतों को सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है ।

समग्र विकास एजेंडे के बीच स्वच्छता को प्राथमिकता दी जा रही है । सरकार ने ओडीएफ गांवों में सभी केन्द्रीय प्रयोजित स्कीमों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है । अन्य विभिन्न विकास स्कीमों का विलय स्वच्छता लक्ष्य के साथ किया जा रहा है, ऐसा मंत्री महोदय ने बताया।

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