रांची, झारखण्ड । सितम्बर |14, 2017 :: हिंदी ही भारत को एकसूत्र में पिरोने की क्षमता रखता है। हिंदी भारतीय संस्कृति की पहचान है। हिंदी का प्रश्न भारत की अखंडता और एकता का प्रश्न है। राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिये हिंदी को समृद्ध बनाना हम सब का परम दायित्व है। भाषा परंपरा और संस्कृति किसी भी देश की पहचान होती है। दुनिया में वही देश विकसित है, जो अपनी भाषा संस्कृति और परंपरा को बरकरार रखे हुए हैं। 600 साल की दासता के बाद भी भारत अपनी भाषा संस्कृति और परंपरा के कारण बचा रहा। हमारे सामने इसे आगे भी बचाए रखने की चुनौती है। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहीं। श्री दास हिंदी दिवस पर झारखंड मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि कहा कि हिंदी का प्रचार-प्रसार लगातार बढ़ रहा है। यह दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन गई है। अंग्रेजी की मानसिकता से उपर उठकर हमें भारतीय भाषाओं को महत्व देना चाहिये। महात्मा गांधी ने कहा था कि अंग्रेजी एक समृद्ध भाषा है इसे हम स्वीकार करते हैं। दूसरी भाषा सीखें हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हिंदी का स्थान सर्वोपरि होना चाहिए। आजादी के समय से ही हिंदी संपर्क और संवाद के भाषा रही थी। यह हमारा दुर्भाग्य है कि आज भी हिंदी के लिए साल में एक दिन मनाया जा रहा है। एक दिन यह दिवस मनाकर हम अपनी जिम्मेवारियों से भाग नहीं सकते हैं। अपनी भाषा को लेकर हमें स्वाभिमान होना चाहिए। श्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रभाषा हिंदी के साथ क्षेत्रीय भाषाओं को भी प्राथमिकता दी है। ये भाषा झारखंड की पहचान हैं। इन्हें बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं। राज्य स्तरीय परीक्षाओं में इन भाषाओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां भी कुछ लोग हमारी परंपरा और संस्कृति को नष्ट करने में लगे हैं। लेकिन हम सब को मिल कर उनके मंसूबों को पूरा होने नहीं दिया जायेगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सर्वश्रेष्ठ चयनित निबंध एवं लघुकथा के रचनाकारों को पुरस्कृत किया । निबंध प्रतियोगिता के लिये निर्धारित तिथि तक कुल 212 प्रविष्टियां प्राप्त हुई। स्क्रिनिंग के बाद सर्वश्रेष्ठ निबंध एवं लघु कथा के चयन के लिये गठित त्रिस्तरीय चयन समिति ने श्री आशुतोष कुमार चैधरी, सरायकेला-खरसावां को वस्तु एवं सेवाकर: एक कर, एक बाजार और एक राष्ट्र विषय पर निबंध लेखन हेतु सर्वश्रेष्ठ चुना गया है। वहीं लघु कथा लेखन के लिये मीनाक्षी कुमारी, गोड्डा जिला और शुभम प्रिया, गोड्डा को समान अंक प्राप्त हुए हैं। इस चयन समिति में हिन्दी के विद्वान डाॅ अशोक प्रियदर्शी, डाॅ रविभूषण और डाॅ हरेराम त्रिपाठी ‘चेतन‘ सम्मिलित थे। कार्यक्रम में प्रसिद्ध साहित्यविद् अषोक प्रियदर्शी सहित हिंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया । इस कार्यक्रम में राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री एन0एन0 पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री संजय कुमार, कार्मिक व राजभाषा विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती निधि खरे, साहित्यकार श्री अशोक प्रियदर्शी समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।