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झारखंड प्रदेश की गठबंधन की सरकार अगर पंचायत चुनाव में ओबीसी समुदाय को आरक्षण नहीं देती है तो समझा जाएगा कि यह सरकार ओबीसी विरोधी है : गुप्ता

रांची, झारखण्ड  | फरवरी  | 24, 2022 ::  झारखंड प्रदेश की गठबंधन की सरकार अगर पंचायत चुनाव में ओबीसी समुदाय को आरक्षण नहीं देती है तो समझा जाएगा कि यह सरकार ओबीसी विरोधी है। क्योंकि सरकारी सेवा मे ओबीसी का आरक्षण 14% से 27% बढाने का वादा पूरा नहीं कर रही है। वहीं पंचायत चुनाव में ओबीसी का आरक्षण न देकर हकमारी कर रही है। जबकि मोर्चा की मांग राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा 50 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की है।
उपरोक्त बातें आज राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने राजभवन के समक्ष एकदिवसीय उपवास कार्यक्रम में बोल रहे थे।
श्री गुप्ता ने कहा कि
प्रस्तावित पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू रहने के लिए जिस तरह महाराष्ट्र मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ की सरकारों ने पहल की है झारखंड सरकार भी उन प्रदेशों से मशवरा कर राज्य के पंचायतों में ओबीसी का आरक्षण के लिए पहल करे एवं राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा सरकारी सेवा में ओबीसी का आरक्षण 14% से बढ़ाकर 50% कर न्याय करे।
प्रदेश उपाध्यक्ष सूबेदार इस एन सिंह कुशवाहा ने कहा कि
राज्य के पंचायतों में ओबीसी आरक्षण को यथावत बनाए रखे। चूंकि काफी संघर्ष के उपरांत अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी सेवा, शिक्षा एवं पंचायत चुनाव में प्रतिनिधित्व का अवसर मिला है।
झारखंड प्रदेश बनने के पश्चात् राज्य स्तरीय सरकारी सेवा व शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का कोटा कम कर दिया गया है।फलतः यह विषमतापूर्ण नीति आज ओबीसी वर्ग भुगत रहा है।
प्रदेश सचिव सुरेश ठाकुर ने कहा अब पंचायत प्रतिनिधित्व में 27% आरक्षण भी खतरे में है। राज्य का ओबीसी वर्ग को दूसरी बार अन्याय के कगार पर खड़ा कर दिया गया है । जब कि भारतीय संविधान समुचित प्रतिनिधित्व की पहल करता है, इसलिए अनुसूचित जाति व जनजाति के साथ-साथ ओबीसी को भी जनसंख्या के अनुपात में उचित न्याय और हिस्सेदारी दी जाए,जो संवैधानिक अधिकार है।
परंतु देखा गया है कि सामाजिक व शैक्षिक रूप से पिछड़े ओबीसी जनसंख्या व उचित न्याय दोनो पहलुओं पर उपेक्षित है।
वरिष्ठ समाजसेवी अशर्फी चंद्रवंशी ने कहा कि
55%जनसंख्या वाले ओबीसी को आरक्षण देने की बात आती है, तो कोर्ट 27% आरक्षण को अन्यायोचित बतला कर सीमित कर देती है और जब आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10% आरक्षण देने की बात आती है तो संवैधानिक आरक्षण सीमा 50% के लिमिटेशन को 60% बढने पर कोर्ट चुप्पी साध लेता है।ठीक वैसे ही जनगणना के मामले में ओबीसी की जनगणना कराने पर सरकार नकार देती है।
रांची ग्रामीण जिला अध्यक्ष शिव प्रसाद साहू ने कहा कि असमानता और क्षोभ पैदा करने वाली विषमतापूर्ण हालत में ओबीसी को नौकरी में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के आलोक में सरकार 14% से बढ़ाकर 50% करने का वादा पूरा करें।
महानगर अध्यक्ष विष्णु सोनी कहा कि पंचायत में आरक्षण के लिए झारखंड सरकार अलग से ओबीसी का डाटा रिपोर्ट बनाएं और माननीय सुप्रीम कोर्ट को दायर करें।
कार्यक्रम के अंत में माननीय मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र अनुमंडल पदाधिकारी को प्रदेश उपाध्यक्ष सूबेदार एस एन सिंह कुशवाहा जिलाध्यक्ष शिव प्रसाद साहू अजय मेहता जितेंद्र कुमार ने संयुक्त रुप से सौंपा
उपवास कार्यक्रम में प्रदेश प्रदेश उपाध्यक्ष सूबेदार एसएन सिंह कुशवाहा वरिष्ठ समाजसेवी अशर्फी चंद्रवंशी महानगर अध्यक्ष विष्णु सोनी ग्रामीण जिला अध्यक्ष शिव प्रसाद साहू कार्यालय प्रभारी संतोष शर्मा जितेंद्र कुमार अनिल केसरी अजय मेहता प्रभात कुमार विनय चंद्रवंशी अभय कुमार जनक महतो नंद गोपाल चौरसिया तपेश्वर केसरी रमेश प्रसाद सुधीर प्रसाद सहित कई लोग उपस्थित थे

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