नई दिल्ली । अक्तूबर । 03, 2017 :: लोगों को पारंपरिक तरीके से किसी भी सरकार की नीतियों की आलोचना नहीं करनी चाहिए हमलोगों में यह बुराई घर का यह कर गई है कि किसी भी पॉलिसी के लागू होते ही हम अपने पूर्व के कड़वे अनुभवों पर उन्हें न कर देते हैं। इस दौर में पारंपरिक मीडिया का स्वरूप बदला है और सूचना मिलने की गति तेज हुई है इसीलिए हमें वक्त की जरूरत के हिसाब से खुद में सुधार करना चाहिए। यह समझ लेना जरूरी होगा कि कोई भी पत्रकार या अखबार छोटा या बड़ा नहीं होता अगर देश का कोई नेता 56 इंच के सीने की बात करता है, तो हम भी यह दावा कर सकते हैं कि हमारा भी सीना 56 इंच का है। यह बातें आज ख्याति प्राप्त टीवी एंकर अभिज्ञान प्रकाश ने कही।
वह भारत सरकार के पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय और एन यू आई जे के संयुक्त तत्वावधान में दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित मीडिया वर्कशॉप में देश भर से आये पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अच्छी तरह एहसास है कि निचले स्तर पर पत्रकारों को किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है। दरअसल आज सही अर्थों की पत्रकारिता ग्रामीण इलाकों से ही होती है। और वहीं से खबरें निकलकर आती हैं, जो राष्ट्रीय सुर्खियों में स्थान बनाती है। उन्होंने पत्रकारों का आह्वान करते हुए कहा कि चुनी हुई सरकार की संचालित योजनाओं की अच्छाई और बुराई को सामने लाइये। एनयूजे आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी जी ने कहा कि देश भर में तीन करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस का कनेक्शन दिया गया है। जिसमे एक करोड़ लोग रिफिल नहीं करा पा रहे हैं। किन कारणों से लोग दुबारा रिफिल नहीं करा पा रहे हैं, इसे ढूंढने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस योजना को खासकर महिलाओं के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि योजना का असर महिला सशक्तिकरण समेत तमाम क्षेत्रों पड़ा है। उन्होंने मीडिया घरानों की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आज मीडिया की भूमिका बदली हुई है। कुछ मीडिया घराने सरकार के पक्ष और विपक्ष में खड़े हैं। मीडिया घराने एक अलग किस्म का एजेंडे को आगे बढ़ा रहे है।
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य प्रज्ञानंद चौधरी ने नोटबन्दी को जायज ठहराते हुए कहा कि इससे कालाधन बाहर आया है। फिलहाल टैक्स में वृद्धि हुई है यह सच है। लेकिन यह भी सच है कि इससे एकत्रित राशि से विकास और कल्याणकारी कार्यों को गति मिलेगी। जीएसटी टैक्स का एक मॉडल है। इससे आज थोड़ी परेशानी है। पांच साल पूर्व लागू होता तो भी यही परेशानी होती । छोटे व्यापारियों के पास आधारभूत संरचना का अभाव है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना पीएम का स्वस्थ सोच का परिणाम है। महिला सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य को देखते हुए निर्णय लिया गया है। इससे रोजगार का सृजन हुआ है। जिसका सामाजिक आर्थिक फायदा हुआ है।
मजीठिया आयोग के सदस्य रह चुके डॉ एन के त्रिखा ने कि
पत्रकारिता के समक्ष आज सबसे बड़ी चुनौती विश्वसनीयता की है। उन्होंने कहा कि पत्रकार संगठन का काम केवल नारे लगाना नहीं, बल्कि पत्रकारों की परेशानियों को उजागर करना उसके विरुद्ध लड़ाई लड़ना है। पत्रकारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना ही नही, बल्किअच्छे पत्रकार बनाना भी है। एनयूजे इस दिशा में काम कर रही है। एनयूजे की सक्रियता का परिणाम है कि इसके बैनर तले कई कार्यशाला पत्रकारों के लिए आयोजित किया जा रहा है। आज का कार्यशाला भी उसी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना से समाज में व्यापक परिवर्तन हुआ है। योजना से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में परिवर्तन हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र प्रभु जी ने अपने लंबे पत्रकारिता जीवन के अनुभवों के आधार पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज भी समाज पत्रकारों से जानकारी की अपेक्षा रखता है। इसलिए सरकारी तथा कल्याणकारी योजनाओं के बारे में पत्रकारों को जानकारी रखनी चाहिए ताकि समाज को इन लोक कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी और लाभ के बारे में जागरूकता फैलाने का काम भी कर सके।
एनयूजे के राष्ट्रीय महासचिव रतन दीक्षित ने कहा कि समाज के व्यापक हित में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। समाज के लोगों को इस योजना का अधिक लाभ मिले, इस कार्यशाला का उद्देश्य है। पूर्व राष्ट्रीय महासचिव प्रसन्न मोहंती ने भी योजना से होने वाले फायदे पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यशाला के संचालक सह डीजेए के महासचिव प्रमोद सैनी ने कहा कि यह कार्यशाला पत्रकारों के लिए स्किल डेवलपमेंट का पार्ट है।
जेयूजे के महासचिव शिव कुमार अग्रवाल ने झारखंड में इस उज्ज्वला योजना की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि गरीबों के घर में गैस पहुंचने से कई किस्म के लाभ हुए है। घरेलू स्तर पर स्वास्थ्य तथा शिक्षा का लाभ पहुंचा है, तो दूसरी तरफ जंगल कटना कम हुआ है। पर्यावरण को भी इसका लाभ मिलने लगा है। कार्यशाला में एनयूजे के कोषाध्यक्ष दधिबल यादव, जेयूजे के प्रदेश अध्यक्ष रजत कुमार गुप्ता समेत देश भर के सैकड़ों पत्रकारों ने हिस्सा लिया।
रिपोर्ट : धीरेन्द्र चौबे