रांची, झारखण्ड | मई | 28, 2020 :: बहु बाजार रांची स्थित जेसीएए अध्यक्ष के आवास पर एसोसिएशन की संरक्षक मंडली, मुख्य कार्यकारिणी समिति, उपकार्यकारिणी समिति, सलाहकार समिति एवं स्थापना समिति की संयुक्त बैठक में कोरोना महामारी के कारण हुई लॉकडाउन से प्रभावित कलाकार समुदाय पर आई संकट के निवारण हेतु एक विशेष बैठक की गई।
इस संदर्भ में एसोसिएशन के संरक्षक पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में झारखण्ड के गांव-गांव में लगने वाले मंडा-पूजा , शादी-विवाह एवं अन्य उत्सवों , मेला-जतरा पर रोक लग जाने से रोजगार के अवसर छीन जाने से पारंपरिक वाद्य बजाने वाले एवं पारंपरिक वाद्य यंत्र निर्माण करने वाले लोक कलाकारों पर सबसे बड़ी आपदा आई है।क्योंकि लोक कलाकारों के लिए तो यह सीजन साल भर के लिए पूरे परिवार के भरण-पोषण के लिए उपयुक्त समय माना जाता है।हमारा कर्तव्य है , ऐसे लोक कलाकारों को बचाना , जिनसे झारखंड की लोक-कला का प्रचार -प्रसार हो रहा है । यह चिंता का विषय है कि ऐसे लोक कलाकार कहीं अपने परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी को देखते हुए कहीं वाद्य यंत्रों का निर्माण या वादन छोड़कर रोजगार के कोई दूसरे क्षेत्र में पलायन ना कर जाएँ । एसोसिएशन की जिम्मेवारी है , की सरकार को लोक कलाकारों के ऊपर आई इस विकट परिस्थिति से अवगत कराकर आर्थिक मदद की मांग करे ।
एसोसिएशन के संरक्षक पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख ने कहा कि झारखंड के कलाकार सामाजिक चेतना के सजग प्रहरी होते हुए भी झारखंड निर्माण आंदोलन के समय से ही उपेक्षित होते आ रहे हैं और आज इस महामारी में भी सरकारी प्रावधानों में उपेक्षित ही है । सरकार इस बात को सुनिश्चित नहीं कर पा रही है कि कलाकार और मजदूर-किसान में फर्क है । कलाकार अपने हर दुख को छिपाकर , मुस्कुरा कर समाज का सदैव हौसला बढ़ाता आया है , जो कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैला सकता है । सरकार को इस बात को समझाने के लिए जेसीएए की भूमिका महत्वपूर्ण एवं निर्णायक होगी ।
एसोसिएशन के वरीय सलाहकार माननीय महावीर नायक ने कहा की नेताओं, मंत्रियों के प्रचार-प्रसार के लिए कलाकार अपनी एड़ी चोटी एक कर देते हैं।कलाकारों को लगता है कि इस बार हमारा नेता कलाकारों के बारे में कुछ बढ़िया करेंगे,परंतु आगे चलकर हमेशा निराशा ही हाथ लगती है।हम तब तक ऐसे ही असहाय बने रहेंगे जब तक ऊंचे पदों पर कलाकार वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता है।उन्होंने सुझाव दिया कि कला क्षेत्र से कम से कम एक व्यक्ति भी राज्यसभा तक जाकर कलाकार वर्ग का प्रतिनिधित्व करें।
अध्यक्ष राजकुमार नागवंशी ने कहा कि वर्तमान संकट के संदर्भ में कलाकारों के नाम पर दुकान चला रहे वैसी कुछ फर्जी संस्थाओं पर रोक लगाना एसोसिएशन की प्राथमिकता होगी ।उन्होंने आह्वान किया कि इस तरह की फर्जी संस्थाएँ कलाकारों को गुमराह करना छोड़ जेसीएए के साथ मिलकर कलाकारों के हित के लिए उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए एकजुट होकर काम करें और कलाकार समूह की एकता को बल प्रदान करें । लोक डाऊन की समाप्ति के बाद एसोसिएशन कलाकारों का एक महासम्मेलन बुलाएगी , जिसमें बहुमत के साथ प्रस्ताव पारित कर कलाकारों के समस्याओं के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री , कला-संस्कृति विभाग से वार्ता करेगी ।
एसोसिएशन के सचिव डॉक्टर जयकांत इंदवार ने बैठक में आए तमाम पदाधिकारियों का स्वागत किया और उन्हें धन्यवाद दिया । साथ ही साथ उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कलाकार का ना कोई धर्म होता है , ना जाति , ना समुदाय और ना किसी राजनीति दल का वह प्रतिनिधि होता है । कलाकार सिर्फ कलाकार होता है । उन्होंने कहा कि ऐसी मंशा के साथ कलाकारों के बीच में फूट डालने वालों के खिलाफ भी एसोसिएशन कड़ा कदम उठाएगा । कलाकारों के मान सम्मान के लिए और उनकी आजीविका के लिए जेसीएए संवैधानिक रूप से अपने कार्यों का संचालन करेगा । इस लोक डाउन के पीरियड में हमारे कलाकार सदस्यों को जो भी समस्या हो रही हो उनका निराकरण करना हमारी प्राथमिकता होगी ।
बैठक में सर्वसम्मति से क्या फैसला लिया गया कि झारखंड में झारखंड कल्चरल आर्टिस्ट एसोसिएशन कलाकारों की सबसे बड़ी संस्था के रूप में स्थापित है । पद्मश्री मुकुंद नायक एवं पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख के संरक्षण में राज्य के सभी कलाकारों के बीच आवश्यक राहत कार्य सामूहिक रूप से चलाने का निर्णय लिया गया । एसोसिएशन बहुत जल्द लोक-विधाओं के कलाकारों , क्षेत्रीय भाषाओं के विशेषज्ञों , साहित्य के जानकारों को एक मंच में लेकर काम आगे बढ़ाएगा ।
यह जानकारी झारखंड कल्चरल आर्टिस्ट एसोसिएशन के सचिव डॉ जयकांत इंदवार ने दी । एसोसिएशन की इस अनिवार्य बैठक में संरक्षक पद्मश्री मुकुंद नायक एवँ पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख , वरीय सलाहकार श्री महावीर नायक , श्री मनपूरन नायक , श्री आनंद महली , अध्यक्ष श्री राजकुमार नागवंशी , सचिव डॉ.जयकांत इंदवार , उपकोषाध्यक्ष श्री राजू केरकेट्टा , कार्यकारी सदस्या श्रीमती पूनम सिंह , पूर्व अध्यक्ष श्री देवदास विश्वकर्मा , पूर्व कोषाध्यक्ष सुश्री सुनैना कच्छप , उपकार्यकारिणी समिति के श्री अरुण नायक , श्रीमती अनीता बाड़ा , श्रीमती सुमन गाड़ी , सक्रिय सदस्य श्री सुधीर महली , श्री कृष्णा नायक , श्री किशोर नायक , श्री परवीन बाड़ा एवं एसोसिएशन के संस्थापक श्री श्रीकांत इंदवार एवं अमित तिर्की उपस्थित थे ।