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प्यार :: एक उम्मीद एक अहसास

प्यार एक उम्मीद एक अहसास

कुछ पल जिन्दगी के
गर साथ हो जाते
दिल के दर्द क्या
नासूर भी भर जाते
मेरा रोम रोम
बस तेरा ही नाम ले
हर सुबह एक उम्मीद
लिए आँखें खुलती हैं
कि शायद तुम्हे
मेरी सूध आए
पर सूरज ढलने के साथ
उम्मीदेंभी बिखर जाती हैं
खुशियोंसे भरी आँखों की
चमक बूझ जाती हैं
पर सुनो प्रिये
तुम मेरे दिल की धडकनें हो
और धडकनें कभी शरीर से
क्या अलग हो सकती हैं भला
अपने मिलन की उम्मीद की
लौ तब तक जगाएं रखुंगी
जब तक रूह से रूह की
मिलन न हो जाए
दो दिलो की धडकनें
एक न हो जाए
तो सुनो प्रिये
तुम मेरे हो मेरे ही रहोगे !

अर्पणा सिंह रांची

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