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हिंदी को राष्ट्रीय भाषा घोषित करने की मांग को लेकर साहित्यिक रथयात्रा

राची, झारखण्ड  | नवम्बर  | 28, 2022 :: हिंदी को राष्ट्रीय भाषा घोषित करने की मांग को लेकर दिल्ली से शुरू हुई मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच की चिर प्रतिक्षित ऐतिहासिक साहित्यिक रथयात्रा अत्यंत ही जोश एवं उत्साह के साथ राँची के डुमरदगा पेट्रोल पंप से मार्च करते हुए लोयला कान्वेंट स्कूल के सभागार में पहुँची जहाँ सम्मान समारोह तथा काव्य-पाठ का सफल आयोजन किया गया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य राजवीर सिंह मंत्र जी ने किया। मुख्य अतिथि डॉ माया प्रसाद की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। दिल्ली से मगसम के राष्ट्रीय संयोजक सुधीर सिंह सुधाकर, बिलासपुर से आए अंजनी तिवारी एवं नीलम तिवारी के साथ राँची के गणमान्य अतिथियों के बीच मगसम के कई सदस्यों को सम्मानित किया गया जिनमें सैम्फ़र्ड की महाप्रबंधक भारती ओझा भी थीं .सम्मानित होने वाले सदस्यों में प्रशांत करण, सहाय जी, गीता सिन्हा गीतांजलि, गीता चौबे गूँज, निर्मला कर्ण, मुनमुन ढाली, रेणु बाला धार, मीनू मीना सिन्हा, भारती ओझा आदि को साहित्य सेवी तथा मातोश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री सुधीर सिंह सुधाकर ने मगसम का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि मगसम मैं से हम की ओर ले चलने को प्रतिबद्ध है।
एक मिनी पुस्तक मेला का आयोजन किया गया जिसकी प्रभारी निर्मला कर्ण थीं। साहित्यकारों ने अपनी पसंद की पुस्तकें भी खरीदीं।
अनुराधा सिंह अनु के संचालन में काव्य-पाठ करने वालों में कामेश्वर सिंह कामेश, सदानंद यादव, सूरज श्रीवास्तव, कविता रानी, प्रतिभा सिंह, मनीषा सहाय, प्रतिमा त्रिपाठी, नीता शेखर, रेणु बाला धार, सिम्मी, आदि थे। सरस्वती वंदना रेणु बाला धार ने तथा कार्यक्रम का संचालन अनुराधा सिंह एवं मुनमुन ढाली ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन मगसम की राँची प्रभारी गीता चौबे गूँज ने किया। इस सुंदर कार्यक्रम का आयोजन मगसम पूर्वी भारत प्रभारी प्रशांत करण एवं राँची प्रभारी गीता चौबे गूँज के सयुंक्त संयोजन में संपन्न हुआ।

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