Know from nutan which yoga should be done by children
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नूतन से जानिए, बच्चो को कौन कौन से योगाभ्यास करने चाहिए

Know from nutan which yoga should be done by children रांची, झारखण्ड | मार्च | 26, 2020 ::  जैसा कि आप जानते हैं योग हमारी पौराणिक प्रथा है, हमारे पूर्वजों की देन है जिसे संभालना हमारा कर्तव्य बनता है
यह एक बहुत बड़ा विज्ञान है ।
इस विज्ञान को संभालना जन-जन तक पहुंचाना, हमारा बहुत ही बड़ा कर्तव्य है।
आज के इस अत्याधुनिक जीवन शैली एवं मशीनीकरण की वजह से दुनिया में हम योग पद्धति को अपनाया जा रहा हैं।

इस पद्धति को बाल्यावस्था से ही शुरुआत कर मानसिक शारीरिक अध्यात्मिक तथा बौद्धिक विकास को सुदृढ़ एवं संतुलित कर सकते है।
इसे हम अपने जीवन में अपनाकर जीवन को उत्सवमय बना सकते हैं , योग मन में एकाग्रता को बढ़ाता है शरीर में फुर्ती प्रदान करता है तथा मन को सही निर्णय लेने की शक्ति को भी बढाता है ।
योग मन आत्मा तथा शरीर को सन्तुलित करता है।

शुरुआत से ही बच्चों को योग का अभ्यास कराया जाए तो बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव होता है।
सही मायने में देखा जाए तो बच्चों का जो मन होता है वह बहुत ही चंचल होता है जिसमें कि यह मन कभी चंचलता वश कहीं सही तो कहीं गलत कार्य कर बैठता है ।
योग के प्रभाव से बच्चों की मन की चंचलता में को स्थिरता मिलती है तथा व सही निर्णय लेने में सक्षम हो पाते हैं अर्थात योग के द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव हो जाता है

हम कुछ ऐसी ही आसान आसनों से शुरुआत करते हैं
आसनों की शुरुआत करने से पहले ॐ का उच्चारण तीन बार करे।

इसके बाद पहले शरीर को वॉर्म अप कर ले।
अब हम आसनों को करने के लिए तैयार हैं ।

1. वज्रासन
विधि- सर्वप्रथम अपने घुटने को मोड़ कर दोनों पैरों के पंजों के अंगूठे को सटाए और एड़ी पर अपने नितंब को रख कर बैठ जाएं , इसके बाद दोनों हथेली को घुटने के ऊपर रखें और 10 मिनट तक इसी स्थिति में बैठने का प्रयास करें ।
ये स्थिति वज्रासन की स्थिति कहलाती है।
इसके प्रति दिन के अभ्यास से हमें बहुत सारी फायदे होते हैं हमारी पाचन शक्ति सुदृढ़ होती हैं तथा मेरुदंड सही स्थिति में होते हैं इसके साथ साथ घुटने के दर्द पैरों के दर्द आदि बिल्कुल नहीं होती।

2. उष्ट्रासन
इस आसन को करने से हमारे शरीर पोस्चर ऊठ की तरह दिखलाई पड़ती है इसी की वजह से इस आसन को उष्ट्रासन के नाम से जानते हैं।
विधि -सर्वप्रथम घुटने के बल बैठ जाते है
उसके बाद दोनों हाथों को ऊपर सीधे खींच कर धीरे-धीरे सरका कर पीछे की ओर झुकाते हुए दोनों हाथों से दोनों पैरों के टखनों को पकड़ते हैं

लाभ – पीछे झुकने से सभी रक्त वाहिकाओं का विस्तार होता है हृदय की अनियमित धड़कन आदि में यह आसन बहुत मदद करता है।
पाचन कब्ज, कमर का दर्द, झुके कंधों के उपचार में या आसन सहायक होता है

ताड़ासन
सर्वप्रथम सीधे खड़े हो जाए और अपने कमर एवं गर्दन को सीधा रखें
अब अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर रखें, दोनों हाथों को ऊपर करते हुए,
धीरे धीरे अपने शरीर को स्वास लेते हुए ऊपर की ओर खींचे और और अपने पंजों पर ही खड़े रहे।
इसके बाद स्वास को छोड़ते हुए अपनी पुन अवस्था पर आ जाए या अभ्यास कम से कम 10 बार दोहराएं।
लाभ इस आसन को करने से हमारी रीढ़ की हड्डी संबंधित दर्द पैरों संबंधी दर्द रोग आदि दूर होता है
इससे एकाग्रता बढ़ेगी और शरीर विकास होगा ।
इसके अभ्यास से लंबाई भी बढती है.

– नूतन सिह
योग विशेषज्ञ

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