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जगदीश से जानिए, खाने के तुरंत बाद क्यों ना करे यौगिक आसन

योग  विशेषज्ञों के मुताबिक खाली पेट योग करना ज्यादा असरदार होता है। दरअसल योग के लिए आपकी एनर्जी पूरी तरह से योग के विविध आसनों पर केंद्रित होनी चाहिए।
ऐसे में आपके पाचन तंत्र को भी आराम की स्थिति में होना चाहिए।
मतलब उसे किसी भी तरह के पाचन संबंधी काम से अवकाश होना चाहिए। पाचन तंत्र में भोजन की उपस्थिति योगाभ्यास के दौरान उल्टी, गैस और जी मिचलाने जैसी समस्या भी उत्पन्न कर सकती है। इसलिए योगा से पहले पेट खाली होना बेहद जरूरी है ताकि आपकी पूरी ऊर्जा योग के विभिन्न आसनों पर केंद्रित हो सके और अभ्यास का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।

 

जब हम योगा करते हैं तो शरीर को कई अवस्थाओं में मोड़ते और झुकाते हैं। ऐसे में पेट अगर खाली नहीं होगा तो पाचन और पेट संबंधी कई बीमारियों का शिकार बनना पड़ सकता है।

इसके अलावा जो लोग वजन कम करने की कोशिश में लगे हैं उन लोगों का पेट खाली होना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं होगा तो योगाभ्यास उनके लिए विपरीत असर वाला सिद्ध हो सकता है।
अगर आप योगा के लिए शाम का वक्त चुन रहे हैं तो ध्यान रखें कि खाना खाने के 3-4 घंटे के बाद ही योगा करने की कोशिश करें। हल्के नाश्ते के एक घंटे बाद योगा किया जा सकता है।

वज्रासन एकमात्र ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद किया जाता है। भोजन करने के बाद दस मिनट तक वज्रासन में बैठने से भोजन जल्दी पचने लगता है और कब्ज, गैस, अफारा आदि से छुटकारा मिलता है। यदि घुटनों में दर्द रहता हो, तो वज्रासन नहीं करना चाहिए। पेट और हाजमा सही रहने से बाल भी स्वस्थ बनते हैं। वज्रासन अकेला ऐसा आसन है, जिसे भोजन करने के बाद किया जा सकता है, ख़ासकर दोपहर के भोजन के बाद।

वज्रासन से पाचन तंत्र मज़बूत होता है और उससे संबंधित रोग भी धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं।

जो लोग अधिक देर तक पैर मोड़कर नहीं बैठ सकते वे वज्रासन की स्थिति में बैठकर कुछ देर तक विश्राम कर सकते हैं।

बहुत हेवी डाइट के बाद तुरंत सोने या बैठकर टीवी देखने से हमें डाइजेशन संबंधी समस्याएं हो ही जाती हैं। ऐसे में अगर आप रोज खाने के बाद टीवी देखने या तुरंत सोने के बजाय वज्रासन को अपने रुटीन में शामिल करेंगे तो यकीनन आप डाइजेशन से संबंधित समस्याओं से दूर रहेंगे।

वज्रासन को आप दिन में कभी भी कर सकते हैं लेकिन यह अकेला ऐसा आसन है जो खाने के तुरंत बाद यह आसन बहुत अधिक प्रभावी होता है। यह न सिर्फ पाचन की प्रक्रिया ठीक रखता है बल्कि लोवर बैकपेन से भी आराम दिलाता है।

Jagdish Singh
Author is student to University Department of Yoga, Ranchi University, Ranchi.

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