आलेख़

जगदीश से जानिए कितने प्रकार के होते हैं दुःख

महर्षि पतंजलि द्वारा लिखित योग दर्शन के अनुसार दुःख तीन प्रकार के होते हैं, पहला आध्यात्मिक, दूसरा आधिभौतिक और तीसरा आधिदैविक।
काम क्रोध के कारण व्याधि आदि के कारण या इंद्रियों में किसी प्रकार की विकलता होने के कारण जो मन, इंद्रिय या शरीर में ताप या पीड़ा होती है, उसको आध्यात्मिक दुख कहते हैं ।
मनुष्य, पशु, पक्षी, सिंह, व्याध, मच्छर एवं अन्य जीवों के कारण होने वाली पीड़ा का नाम आधिभौतिक दुख है।
तथा सर्दी, गर्मी, वर्षा, भूकंप आदि देवी घटना से होने वाली पीड़ा का नाम आधिदैविक दुःख है।

लेखक रांची विश्वविद्यालय के योग विभाग का छात्र हैं

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