विश्व स्वास्थ्य दिवस ( 7 अप्रैल ) पर विशेष।
गुड़िया झा।
अपनी सेहत को लंबे समय तक अच्छा बनाये रखने के लिए हमें स्वयं ही प्रयासरत रहना होगा। जिस प्रकार से हम अपने जीवन में और सभी चीजों के लिए योजना बनाते हैं। ठीक उसी प्रकार से जीवन को पूरे जोश के साथ जीने के लिए हमें अपनी सेहत के लिए भी पूरे अनुशासन से जागरूक रहने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें अपनी खान-पान से जुड़ी आदतों और दिनचर्या को व्यवस्थित रखना होगा। तभी हमारे पास एक अच्छा सेहत भरा जीवन होगा।
1, सुबह की शुरुआत।
हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। इससे हम पूरा दिन तरोताजा महसूस करेंगे। सुबह उठते ही एक या दो ग्लास गुनगुने पानी में थोड़ा सा नींबू का रस डालकर पीने से हमारे शरीर की अतिरिक्त वसा कम होती हैं साथ ही विषैले पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं। कई बार हम खाली पेट चाय या कॉफी का अत्यधिक मात्रा में सेवन करते हैं। लम्बे समय तक इस प्रकार की आदतों को बनाये रखने से सेहत को काफी नुकसान पहुंचने की सम्भावना बनी रहती है। इसलिए चाय और कॉफी का सीमित मात्रा में सेवन करें।
नियमित रूप से जब भी समय मिले सुबह या शाम में थोड़ी दूर पैदल अवश्य चलें। हमारे चलने की गति में बहुत तेजी न हो जिससे हम जल्दी थक जायें। उठने के दो या तीन घंटे के अंदर नाश्ता अवश्य करें। इस बात का ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए कि हम जो कुछ भी खा रहे हैं। उसमें तेल-मसालों की मात्रा सीमित हो। क्योंकि हम जो कुछ भी खाते हैं उसका सीधा असर हमारे शरीर और मस्तिष्क पर पड़ता है। भूख से थोड़ी कम मात्रा में खाने से भोजन आसानी से पचता है। एक बार में ज्यादा खाने की बजाय अपने लिए एक समय निर्धारित कर लें और तीन से चार बार हल्का भोजन करें। खाने में चीनी और नमक की मात्रा को भी सीमित रखें। जहां तक संभव हो अपनी थाली में शाकाहारी भोजन को ही प्राथमिकता देनी चाहिए साथ ही घर का बना हुआ खाना सेहत के लिए उपयुक्त माना गया है।
2, नींद की उपयोगिता।
एक अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद का होना भी आवश्यक है। विशेषज्ञ भी बताते हैं कि 6-8 घंटे की नींद अच्छी सेहत की पहचान है। हां, हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि सोने के समय मोबाइल, टीवी, लैपटॉप आदि का उपयोग न करें। रात को सही समय पर खाना खाने के बाद घर में ही थोड़ा चलें। अच्छी किताबें पढ़ें। ध्यान का भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। इससे मन को बहुत शांति मिलती है। रात को सोने के लिए भी एक समय निर्धारित कर लें, जिससे सुबह जल्दी उठने में आसानी हो। सोने से पहले अपनी सभी चिंताओं और तनाव को अपने से दूर रखें। इससे अच्छी नींद में बाधा नहीं होगी।
3, दिन में दो बार ब्रश जरूरी।
जिस प्रकार सुबह में ब्रश करना जरूरी है। उसी प्रकार रात में खाना खाने के बाद ब्रश करना दांतो और मसूड़ों की सेहत के लिए जरूरी है। क्योंकि दिन में हम जो कुछ भी खाते हैं उसके कुछ अंश हमारे दांतों में फंसे रह जाते हैं। जिससे दांतों पर गंदगी जमने लगती है और दांतों का इनेमल निकल जाता है। इससे कैविटी हो जाती है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में ( 2019 के आंकड़े ) हमारे देश की 60 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या और 70 प्रतिशत स्कूल जाने वाले बच्चों के दांतों में दिक्कतें आ रही हैं।
85 प्रतिशत जनसंख्या ( मसूड़ों से सम्बंधित एक रोग, जिसमें दांतों के आसपास के उत्तक संक्रमित हो जाते हैं। ) से प्रभावित हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह रात में ब्रश नहीं करना है।
4, स्वस्थ रहने के लिए व्यस्त रहना भी जरूरी है।
एक पुरानी कहावत है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। यह बात बिल्कुल सही भी है। हमेशा खुद को अच्छे कार्यों में व्यस्त रखें। खुद को नाकारात्मक विचारों से दूर रखें। फिजूल की बातों में न उलझें। इससे समय और ऊर्जा दोनों की खपत होती है। जिसका सीधा प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ता है।