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जेसीआरसी के दो साल पूरे होने पर ‘‘इंडस्ट्री चैंपियंस फाॅर एसडीजी : अवार्ड’’ की घोषणा

रांची, झारखण्ड । जुलाई | 20, 2017 :: झारखंड सरकार के उद्योग, खान एवं भूतत्व विभाग अंतर्गत झारखंड काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी काउंसिल (जेसीएसआरसी) ने यूनिसेफ के साथ साझेदारी में आज यहां ‘‘इंडस्ट्री चैंपियंस फाॅर एसडीजी: अवार्ड’’ की घोषणा की गई। यह घोषणा जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) के जेनरल मैनेजरों और विभाग के अन्य अधिकारियों के लिए आयोजित ढाई दिनी सीएसआर प्रभाव मूल्यांकन कार्यशाला के दौरान की गई।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए उद्योग, खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव, सुनील कुमार बर्नवाल ने कहा कि, ‘‘ झारखंड काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी काउंसिल (जेसीएसआरसी) का गठन वर्ष 2015 में झारखंड सरकार के द्वारा यूनिसेफ के साथ साझेदारी में की गई थी। जेसीएसआरसी भारत में इस तरह की पहली एवं एकमात्र संस्था है। इसके गठन के बाद से राज्य में कंपनियों द्वारा सीएसआर फंड में किए जाने वाले योगदान में काफी वृद्धि हुई है। 2012-13 में कंपनियों का सीएसआर में निवेश 247 करोड़ था, जो कि 2015-16 में बढकर 754 करोड़ पर पहुंच गया। जिला स्तर पर सीएसआर की गतिविधियों की निगरानी और कंपनियों को सलाह प्रदान करने के लिए 22 जिलों में जिला सीएसआर समिति का गठन किया गया है। जेसीएसआरसी ने एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया है और उद्योगों को एक मंच प्रदान किया है, जहां वे अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग राज्य के संपूर्ण विकास के लिए लिए कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि, ‘‘इस साल झारखंड सरकार ने यूनिसेफ के साथ मिलकर ‘इंडस्ट्री चैंपियंस फाॅर एसडीजीजः अवार्डस्’ की घोषणा की है। इसका उद्देश्य ऐसे कंपनियों की पहचान करना है, जिन्होंने अपने व्यापार में बाल अधिकार के मुद्दे को स्थान दिया है। कंपनियों को स्वास्थ्य, पोषण, जल, स्वच्छता, शिक्षा, बाल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, आजीविका और क्षमता-निर्माण, आधारभूत संरचना और जलवायु कार्रवाई आदि के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए अवार्ड प्रदान किए जाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि, ‘‘झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री, जो कि जेसीएसआरसी के गवर्निंग बाॅडी के अध्यक्ष भी हैं, ने 2 अगस्त 2016 को आयोजित ऐतिहासिक बैठक में सीएसआर फंड के राज्य में उपयोग के लिए तीन प्राथमिकताओं को चिन्हित किया था। ये हैं स्वच्छ झारखंड, कुपोषण मुक्त झारखंड और राज्य में स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल को सुनिश्चित करना। मैं सभी कंपनियों से आह्वान करता हूं कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्रिय रूप से अपनी भागीदारी निभाएं’’।

यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डा. मधुलिका जोनाथन ने कहा कि, ‘‘पिछले कुछ दशकों में समाज में व्यापार के प्रभाव और भूमिका को लेकर लोगों की समझ और जागरूकता में परिवर्तन आया है। यूनिसेफ के लिए, काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करना एक अनुभव है, जिसने यह प्रतिबिंबित किया है कि कैसे व्यापार और उद्योग बच्चों के जीवन को प्रभावित करता है और उनके अधिकारों की पूर्ति करता है। जेसीएसआरसी, राज्य में विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सरकार और उद्योग को एक साथ साझा मंच पर लाया है। यूनिसेफ सतत विकास लक्ष्य 2030 की प्राप्ति के लिए एक अनूठे व्यापार माॅडल के विकास हेतु जेसीएसआरसी के साथ काम करना जारी रखेगा। यूनिसेफ, झारखंड सरकार के साथ अपनी साझेदारी को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि एसडीजी के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में झारखंड ने एक बड़ी छलांग लगाई है।’’

झारखंड सरकार के उद्योग विभाग के निदेशक, के. रवि कुमार ने कहा कि, ‘‘आज की कार्यशाला जेनरल मैनेजरों, औद्योगिक विस्तार अधिकारियों और इज आॅफ डूइंग बिजनेस मैनेजरों के लिए, जो कि जिला उद्योग केंद्रों में पदस्थापित हैं और जिला काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी समिति (डीसीएसआरसीएस) के माध्यम से जिलों में सीएसआर की गतिविधियों के संचालन में अपनी भूमिका निभाते हैं, का ज्ञानवर्द्धन और क्षमता निर्माण करेगा।’’

‘‘टू इयर्स आॅॅफ झारखंड काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी काउंसिल (जेसीएसआरसी): ए रिट्रोस्पेक्ट’’ पुस्तिका को जारी करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘‘ यह पुस्तिका झारखंड में कंपनियों द्वारा किए गए सीएसआर गतिविधियों और प्रगति की एक झलक प्रदान करती है। यह पुस्तिका सरकारी कर्मचारियों, काॅरपोरेट, एनजीओ, मीडिया एवं आम लोगों के लिए सीएसआर एवं उससे संबंधित विषयों पर एक अच्छा संदर्भ पुस्तिका का काम करेगी।

प्रमुख प्रशिक्षक और यूएन डेवलपमेंट प्रोफेशनल डा. दीपक गुप्ता ने कहा कि, ‘‘काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के विचार ने लंबी दूरी तय की है और इसे अभी और मीलों दूरी तय करनी है। प्रारंभ में कुछ औद्योगिक घराने लोककल्याण की गतिविधियों में शामिल थे, लेकिन इसका लाभ कुछ चयनित लोगों तक ही पहुंच रहा था। उनका प्रयास राष्ट्रीय योजनाओं और प्राथमिकताओं की रणनीति के साथ संबद्ध नहीं था। कई औधोगिक समूहों ने अपने समुदाय के लिए किए जाने वाले लोककल्याण की गतिविधियों के दौरान फाउंडेशनों की स्थापना शुरू की, जो कि सीएसआर कार्यों में सक्रिय रहा है। हालांकि, 2013 में सीएसआर के कानूनी प्रावधान बनने के बाद, जिला स्तरीय उद्योगों के साथ निकटतम साझेदारी के द्वारा सामुदायिक विकास कार्याें की रणनीति बनाने की दिशा में भारत को लंबी दूरी तय करनी है। सीएसआर के लिए एक परिणाम आधारित और स्थानीय परिदृश्य के अनुरूप रणनीति निर्माण की जरूरत है। उद्योग विभाग और यूनिसेफ की ओर से आयोजित यह क्षमता निर्माण कार्यशाला इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक लंबी छलांग है। यह पहल सीएसआर साझेदारी के क्षेत्र में ‘‘सोशल कांट्रेक्ट’’ और रणनीतिक डिजाइन के बारे में है, जो कि समुदाय को सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संसाधन इकट्ठा करने में सहायता प्रदान करने से जुड़ा है।’’

‘बिजनेस इंपेक्ट आॅन चिल्ड्रेन एंड चाइल्ड राइट्स: क्रिएटिंग अ ब्राइटर फ्यूचर’ विषय पर आयोजित सत्र को यूनिसेफ इंडिया की रूचिरा गुजराल ने संबोधित किया। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) रांची के प्रोफसर रोहित कुमार एवं प्रोफेसर शिल्पी दासगुप्ता ने भारत में सीएसआर का कानूनी ढ़ांचा, खासकर राज्यों के परिप्रेक्ष्य में और व्यापार संचार कौशल पर आयोजित सत्र को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान सेल आरएमडी, टाटा स्टील, सेंट्रल कोल फील्ड लिमिटेड (सीसीएल), एसीसी लिमिटेड, नेशनल थर्मल पाॅवर काॅरपोरेशन (एनटीपीसी) तथा जिंदल स्टिल एंड पाॅवर लिमिटेड (जेएसपीएल) समेत कई अन्य कंपनियों के प्रतिनिधियों ने केस स्टडीज प्रस्तुत किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूनिसेफ की मोइरा दावा; उद्योग विभाग के अपर उद्योग निदेशक, रमाकांत सिंह के अलावा, उद्योग विभाग के राज्य एवं जिला स्तर के 50 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

झारखंड काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी काउंसिल (जेसीएसआरसी)

झारखंड काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी काउंसिल (जेसीएसआरसी) का गठन झारखंड सरकार के द्वारा यूनिसेफ के साथ साझेदारी में बाल अधिकार को केंद्र में रखकर राज्य के संपूर्ण विकास के लिए सीएसआर फंड और गतिविधियों को सही दिशा प्रदान करने के लिए हुआ था। यह भारत में अपनी प्रकार का प्रथम और एकमात्र संस्था है। सरकार के द्वारा 31 मार्च 2015 को इसके लिए अधिसूचना जारी की गई थी।

जेसीआरएससी के निम्नलिखित निकाय हैं –
क) राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गवर्निंग बाॅडी
ख) उद्योग विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कार्यकारिणी समिति
ग) जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला सीएसआर समिति तथा,
घ) कार्यकारिणी समिति की सहायता के लिए सीएसआर सेक्रेटेरियएट, जिसके प्रमुख उद्योग विभाग के निदेशक हैं।

यूनिसेफ, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित गवर्निंग बाॅडी तथा उद्योग विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित एक्जीक्यूटिव कमेटी का सदस्य और सलाहकार है।

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